धर्म-अध्यात्म

Margashirsha Amavasya पर पितरों को इस मुहूर्त और नियम

Tara Tandi
28 Nov 2024 12:00 PM GMT
Margashirsha Amavasya पर पितरों को इस मुहूर्त और नियम
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Margashirsha Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है पंचांग के अनुसार अभी मार्गशीर्ष मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है
मान्यता है कि अमावस्या के दिन दान पुण्य के कार्य करने से शुभ फलों में वृद्धि होती है और जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं साथ ही देवी देवताओं की भी असीम कृपा बनी रहती है। इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पितरों के श्राद्ध और पिंडदान का सही समय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 30 नवंबर दिन शनिवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ हो रहा है और इस तिथि का समापन 1 दिसंबर दिन रविवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार इस बार मार्गाशीर्ष की अमावस्या 1 दिसंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी।
1 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 5 बजकर 8 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। उस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा राहुकाल शाम को 4 बजकर 5 मिनट से शाम 5 बजकर 24 मिनट तक है। इस समय में शुभ कार्यों को करना वर्जित माना गया है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर श्राद्ध पिंडदान का समय—
आपको बता दें कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान आदि कार्य करने के लिए दिन में 11 बजे के बाद कर सकते हैं जो कि दोपहर 3 बजे तक करना ठीक रहेगा।
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