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आज से शुरू होगा मार्गशीर्ष माह की शुरुआत, जानें इस माह के मुख्य व्रत-त्योहारों

Tulsi Rao
20 Nov 2021 7:44 AM GMT
आज से शुरू होगा मार्गशीर्ष माह की शुरुआत, जानें इस माह के मुख्य व्रत-त्योहारों
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नवंबर से मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत हो रही है। वहीं मार्गशीर्ष महीने का समापन 19 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन होगी। इस महीने में कई प्रमुख व्रत त्यौहार मनाए जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर में दिसंबर का महीना वर्ष का अंतिम महीना होता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Margashirsha 2021: हिंदी पंचांग अनुसार, पूर्णिमा तिथि के बाद नए महीने की शुरुआत होती है। इस तरह कार्तिक महीने की पूर्णिमा के बाद मार्गशीर्ष माह की शुरुआत होगी। इस तरह 20 नवंबर से मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत हो रही है। वहीं, मार्गशीर्ष महीने का समापन 19 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन होगी। इस महीने में कई प्रमुख व्रत त्यौहार मनाए जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर में दिसंबर का महीना वर्ष का अंतिम महीना होता है। आइए, मार्गशीर्ष महीने में सभी व्रत तिथि के बारे में से जानते है-

मार्गशीर्ष माह के व्रत और त्योहार इस तिथि प्रकार हैं-
-20 नवंबर रोहिणी व्रत है।
-23 जून को संकष्टी चतुर्थी है।
-27 नवंबर को कालाष्टमी है।
- 30 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। वर्ष के प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को एकादशी मनाई जाती है। इस प्रकार मार्गशीर्ष महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-उपासना की जाती है।
-2 दिसंबर को प्रदोष व्रत है।
-2 दिसंबर को ही मासिक शिवरात्रि है।
-4 दिसंबर को अमावस्या के साथ-साथ सूर्य ग्रहण भी है। सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा के आने की वजह से सूर्यग्रहण लगता है। इस दौरान चंद्र और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या को लगता है।
-5 दिसंबर को चंद्र दर्शन है।
-7 दिसंबर को विनायक चतुर्थी है। इस दिन भगवान श्रीगणेश जी की पूजा-उपासना की जाती है
-8 दिसंबर को विवाह पंचमी है। सनातन धार्मिक ग्रंथों की मानें तो मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता सीता का स्वयंवर और विवाह संपन्न हुआ था। अत: हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी मनाया जाता है।
-9 दिसंबर को चंपा और स्कन्द षष्ठी है।
-11 दिसंबर को मासिक दुर्गाष्टमी है।
-14 दिसंबर को गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी है।
-15 दिसंबर को मत्स्य द्वादशी है।
-16 दिसंबर को मासिक कार्तिगाई दीपम है।
-16 दिसंबर को धनु संक्रांति है। साथ ही प्रदोष व्रत है। सूर्य देव का एक राशि से निकलकर दूसरे राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है।
-18 दिसंबर को दत्तात्रेय जंयती है।
-18 दिसंबर को पूर्णिमा व्रत है।
-19 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा है।


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