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धर्म अध्यात्म: सावन में पड़ने वाले सोमवार का दिन विशेष फलदायी होता है. सावन का अंतिम सोमवार 28 अगस्त को है. सावन के अंतिम सोमवार पर कई शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन महादेव की पूजा-पाठ का विशेष फल प्राप्त होगा. सावन के अंतिम सोमवार होने के साथ ही इस दिन प्रदोष व्रत भी है. सोमवार व्रत और प्रदोष व्रत दोनों शिवजी की पूजा के लिए ही समर्पित है.
वही इस दिन सर्वार्थसिद्धि और त्रिपुष्कर योग भी रहेगा. इस दिन किए गए उपाय फलदायी रहेंगे. सावन के अंतिम सोमवार की रात को शिवलिंग के पास घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है. इस दिन शिवलिंग पर जल में अक्षत मिलाकर अर्पित करें. ऐसा करने से कर्ज की समस्या से मुक्ति प्राप्त होने लगती है. सावन के सोमवार पर जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें. ऐसा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है. सावन के सोमवार को बेलपत्र से पूजा-अर्चना करने पर शिव प्रसन्न होते हैं. इस उपाय को करने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
इस विधि से शिवलिंग में चढ़ाएं जल
शिव पुराण के अनुसार, महादेव को जल चढ़ाते समय कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इसलिए कभी भी जल चढ़ाते समय तेज दारा न अर्पित करें, बल्कि धीरे-धीरे चढ़ाएं और शिव मंत्र का जाप करते रहें।
तांबे, कांसे या फिर चांदी के पात्र में जल लेकर सबसे पहले जलहरी के दाईं तरफ चढ़ाएं, जो गणेश जी का स्थान माना जाता है। जल चढ़ाते समय गणेश मंत्र को बोले।
दाएं ओर जल चढ़ाने के बाद बाईं ओर जल चढ़ाएं। इसे भगवान कार्तिकेय का स्थान माना जाता है।
दाएं और बाएं ओर चढ़ाने के बाद जलहरी के बीचों-बीच जल चढ़ाएं। इस स्थान को शिव जी की पुत्री अशोक सुंदरी की मानी जाती है।
अशोक सुंदरी को जल चढ़ाने के बाद जलधारी के गोलाकार हिस्सा में जल चढाएं। इस स्थान को मां पार्वती का हस्तकमल होता है।
अंत में शिवलिंग में आहिस्ता-आहिस्ता शिव मंत्र बोलते हुए जल चढ़ाएं।
Manish Sahu
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