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- मंत्र और अर्घ्य देने...
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पंचांग के अनुसार, हर एक दिन किसी न किसी देवी -देवता को समर्पित है। इसी तरह रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। सूर्य देव ब्रह्मांड के कर्ताधर्ता ही नहीं है बल्कि नवग्रहों के राजा भी है। इसलिए रोजाना सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में खुशियां ही खुशियां आती हैं। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि नियमित रूप से सूर्य देव की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए सुबह-सुबह उगते हुए सूर्य को प्रणाम करने के साथ स्नान आदि करने के बाद अर्घ्य देना चाहिए। जानिए सूर्य देव को अर्घ्य देने की सही विधि के साथ मंत्रों के बारे में।
सुबह के समय सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद उगते हुए सूर्य के दर्शन करते हुए जल अर्पित करना चाहिए। इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें सिंदूर, अक्षत, लाल फूल डाल लें।अब सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके दोनों हाथों को ऊपर करके धीरे धीरे अर्पित करें। इस जल को आप गमला या फिर किसी बर्तन में कर सकते हैं, जिससे यह आपके पैरों के नीचे न आए। अर्घ्य देने के साथ मंत्र का जाप करें।
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