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धर्म-अध्यात्म
Mangla Gauri Vrat 2024: सावन के तीसरे मंगला गौरी व्रत पर पढ़ें ये कथा, मिलेगी मांगलिक दोष से मुक्ति
Bharti Sahu 2
6 Aug 2024 12:59 AM GMT
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Mangla Gauri Vrat 2024: सावन माह में मंगलवार के दिन ‘मंगला गौरी व्रत’ रखने का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और उनके पति की आयु लंबी होती है. साथ ही इस व्रत के पालन से दांपत्य जीवन में सुख और शांति भी बनी रहती है. इस व्रत में पूजन के दौरान मंगला गौरी व्रत कथा सुनना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है. कुंवारी कन्याएं भी मनपसंद सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं. अगर विवाह में किसी प्रकार की बाधा आ रही हो या वैवाहिक जीवन कष्टमय चल रहा हो तो इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में मंगला गौरी व्रत के दिन किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं. मान्यता है कि इन उपाय को करने से निश्चित ही विवाह बाधा से मुक्ति मिलती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल हो जाता है.
मंगला गौरी व्रत के दिन करें ये उपाय
विवाह में विलम्ब होने का कारण कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर होना होता है. मंगल को मजबूत बनाने और शीघ्र विवाह योग के लिए मंगला गौरी व्रत के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को मसूर की दाल और लाल रंग के वस्त्र दान में दें.
मंगल दोष दूर करने और शीघ्र विवाह के लिए मंगला गौरी व्रत के दिन पूरे विधि विधान से मां मंगला गौरी,भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करें. पूजन के समय ‘ॐ गौरी शंकराय नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें.
जिस कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो उसे मंगला गौरी व्रत के दिन मां पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से जल्द ही विवाह के योग बनेंगे.
मंगला गौरी व्रत कथा
पुराणों के अनुसार, एक नगर में धर्मपाल नामक एक धनी व्यापारी रहता था. उसकी पत्नी अत्यंत सुंदर और सुशील थी. व्यापारी के पास बहुत संपत्ति थी, लेकिन इन दोनों पति पत्नी को हमेशा इस बात का दुख रहता था कि उनके कोई संतान नहीं थी. संतान की कमी के कारण वे अत्यंत दुखी रहते थे. ईश्वर की कृपा से उन्हें आखिर एक पुत्र की प्राप्ति हुई, परंतु वह पुत्र अल्पायु था और उसे यह श्राप मिला था कि 16 वर्ष की आयु में सांप के काटने से उसकी मृत्यु हो जाएगी.
मंगला गौरी व्रत का पुण्य प्रभाव
सौभाग्य से, उसकी शादी 16 वर्ष की आयु से पहले ही एक ऐसी कन्या से हो गई, जिसकी माता नियमित रूप से मंगला गौरी व्रत का पालन करती थी. मंगला गौरी व्रत के पुण्य प्रभाव से उसकी माता ने अपनी पुत्री के यह आशीर्वाद प्राप्त किया था कि वह युवती हमेशा सौभाग्यवती रहेगी और उसका वैवाहिक जीवन हमेशा सुखमय रहेगा. इस व्रत की महिमा से धर्मपाल व्यापारी के पुत्र की उम्र 100 वर्ष तक बढ़ गई.
माता मंगला गौरी की आरती से करें पूजा का समापन
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता, जय मंगला गौरी…।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता, जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता, जय मंगला गौरी…।
सिंह को वाहन साजे कुंडल हैं साथा, देव वधु जहं गावत नृत्य करता था, जय मंगला गौरी…।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता, हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता, जय मंगला गौरी…।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता, सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता, जय मंगला गौरी…।
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराता, नंदी भृंगी बीन लही सारा मद माता, जय मंगला गौरी…।
देवन अरज करत हम चित को लाता, गावत दे दे ताली मन में रंगराता, जय मंगला गौरी…।
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता, सदा सुख संपति पाता, जय मंगला गौरी माता
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