धर्म-अध्यात्म

शनि देव को इन उपायों के जरिए करें खुश

Rani Sahu
27 Feb 2022 12:43 PM GMT
शनि देव को इन उपायों के जरिए करें खुश
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कहते हैं कि शनि देव के प्रकोप ( Shani dev ka prakop ) से इंसान ही क्या देवता भी नहीं बच पाते हैं

कहते हैं कि शनि देव के प्रकोप ( Shani dev ka prakop ) से इंसान ही क्या देवता भी नहीं बच पाते हैं. मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि शनि देव व्यक्ति के कर्मों के मुताबिक उसे फल जरूर देते हैं. ये भी कहा जाता है कि मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा मारक होते हैं. नवग्रहों ( Nav grahon ) में शनि की चाल सबसे धीमी होती है, यही कारण है कि किसी की कुंडली ( Kundali mein shani ) में अगर शनि प्रवेश कर जाएं तो उनका प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है. हम यहां शनि की साढ़े साती के बारे में बात कर रहे हैं.

कहते हैं कि शनिदेव की साढ़े साती के भुक्त भोगी देवता भी रहे हैं. इसके उदाहरण भगवान राम का वनवास और रावण का विनाश दोनों आपके सामने हैं. मान्यता है कि पांडवों के वनवास के पीछे उन पर शनि की साढ़े साती के प्रभाव को जिम्मेदार माना जाता है. इसे दूर करने के लिए आप कुछ आसान से उपायों को अपना सकते हैं. जानें…
शमी का पेड़ लगाएं
अगर आप शनि दोष से मुक्ति और शनि देव की कृपा खुद पर बनाए रखना चाहते हैं, तो घर में शमी का पेड़ जरूर लगाएं. कहा जाता है कि शनि देव इस पेड़ में सदैव विराजमान रहते हैं. इस पेड़ की धार्मिक नियमों के मुताबिक पूजा करने से शनि देव भी प्रसन्न होते हैं. साथ ही इस पेड़ को बाहरी लोगों की नजरों से बचाकर ही घर में कहीं लगाना शुभ रहता है.
शनि देव की पूजा
कहते हैं कि अगर शनि देव की पूजा-आराधना सच्चे मन से की जाए, तो वे अपने भक्तों को मुसीबत से बचाकर रखते हैं. उनकी कृपा बनाए रखने के लिए हर शनिवार को मंदिर जाकर तेल और काला तिल उन्हें अर्पित करें. साथ ही शनि चालीसा का पाठ पढ़ें, क्योंकि ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. शनिवार के दिन तेल का दिया जलाने के अलावा गरीबों को दान करना भी अच्छा माना जाता है.
हनुमान चालीसा पढ़ें
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान हनुमान को शनि देव ने वरदान दिया था कि वे उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे. इसी कारण शनि के प्रकोप से बचने के लिए लोग हनुमान जी की शरण में जाते हैं. अगर आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो आप शनि दोष या फिर शनि देवी की साढ़े साती से खुद को बचा सकते हैं. कहते हैं कि इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
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