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विनायक चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा को मोदक चढ़ाकर करें प्रसन्न
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | शनिवार 16 जनवरी को विनायक चतुर्थी है. हर माह अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी पर गणपति का व्रत किया जाता है. उन्हें मीठे का भोग लगाया जाता है. गणपति को मीठा बहुत पसंद है खासतौर पर मोदक लेकिन मोदक का चलन महाराष्ट्र में ज्यादा होने की वजह से दूसरी जगह के लोग इसे बनाना कम ही जानते हैं. आइए आपको बताते हैं मोदक की रेसिपी ताकि इस विनायक चतुर्थी पर आप विघ्नहर्ता गणपति को उनका पसंदीदा व्यंजन भोग के रूप में समर्पित करके उनका आशीर्वाद पा सकें.
ऐसे तैयार करें
डेढ़ कप गुड़ और दो कप नारियल को कढा़ई में डाल कर गर्म करें और तब तक चम्मच से चलाएं जब तक दोनों अच्छे से मिक्स न हो जाएं. मिक्स होने के बाद जब इस मिश्रण में गाढ़ापन आ जाए तब इसमें काजू, बादाम, किशमिश, खसखस और इलाइची वगैरह मेवा मिला दें और एक प्लेट में रखकर ठंडा होने दें. अब दो कप पानी में एक छोटी चम्मच घी डाल कर गर्म करें और जैसे ही पानी में उबाल आ जाए गैस बंद कर दें. अब दो कप चावल का नरम आटा गूथ लें और साफ कपड़े से ढक कर रख दें.
हाथ को घी से चिकना करें और गुथे हुए चावल के आटे से एक नीबू के बराबर आटा निकाल कर हथेली पर रखें. फिर दूसरे हाथ के अंगूठे और उंगलियों से उसके किनारों को पतला करते हुए आकार बढ़ा लें. अब इसमें उंगलियों से थोड़ा सा गड्ढा करें और उसमें एक छोटी चम्मच पिट्ठी रख कर अंगूठे और उंगलियों की सहायता से मोड़ डालते हुए ऊपर की तरफ चोटी का आकार देते हुए बंद कर दें. सारे मोदक इसी तरह तैयार कर लें. आप चाहें तो मोदक के सांचे का भी प्रयोग कर सकती हैं, लेकिन इसे यूज करने से पहले उसमें अच्छी तरह घी लगा लें.
इसके बाद किसी चौड़े बर्तन में 2 छोटे गिलास पानी डाल कर गरम कर लें और उस पर जाली स्टैंड लगा दें. जाली के ऊपर मोदक रख कर ढक दें और 10 से 15 मिनट तक भाप में पकने दें. जब मोदक का रंग थोड़ा बदला हुआ और चमकदार दिखने लगे, तब इन्हें प्लेट में निकाल लें. गर्मागर्म मोदक का भोग लगाएं और सबको खिलाएं.