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- आज भी मनाई जाएगी मकर...
हिंदी पंचांग में तिथियों की गणना चंद्र पंचांग पर आधारित है, लेकिन मकर संक्रांति पर्व की गणना सौर पंचांग के आधार पर की जाती है। इसलिए मकर संक्रांति का पर्व हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष मकर संक्रांति की तिथि को लेकर ज्योतिषाचार्यों में मतभेद है। कुछ पंचांगों में मकर संक्रांति की तिथि 14 जनवरी दिन शुक्रवार का उल्लेख है।तो कुछ ज्योतिषाचार्यं इस साल संक्रांति तिथि 15 जनवरी को मान रहे हैं। आइए जानते हैं इस वर्ष मकर संक्रांति की सही तिथि क्या है और इसको लेकर मतभेद क्यों है....
हिंदू मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश की तिथि के दिन मनाया जाता है। सूर्य के अनुरूप राशियों की गति नियत होती है इसलिए प्रत्येक वर्ष ये तिथि 14 जनवरी को बनती है। लेकिन इस साल सूर्य के संक्रांति काल को लेकर ज्योतिषाचार्यों और पंचांगों में मतभेद की स्थिति है। कुछ पंचांगों में संक्रांति काल 14 जनवरी को दिन में 02 बजकर 43 मिनट का बताया जा रहा है। जबकि कुछ पंचांगों में ये शाम को 08 बजकर 49 मिनट है। नियमानुसार सूर्यास्त से पहले की तिथि में संक्रांति काल के दिन मकर संक्रांति मानी जाती है। इस आधार पर जो लोग संक्रांति काल दिन में 02.43 बजे मान रहे हैं, उनके अनुसार मकर संक्रांति का 14 जनवरी को थी। जबकि जो लोग रात्रि 08.49 पर संक्रांति काल मान रहे हैं, वो उदयातिथि के अनुरूप 15 जनवरी को संक्रांति मान रहे हैं। दोनों ही तिथियों में संक्रांति स्नान का पुण्य मिलेगा।
मकर संक्रांति पर इस साल रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग तथा आनंदादि शुभ योग बन रहे हैं। इसके साथ ही इस साल मकर राशि में एक साथ सूर्य, शनि और बुध ग्रह एकत्रित हो रहे हैं। तीनों ग्रहों का एक साथ मकर राशि में स्थित होना दुर्लभ संयोग है। इस योग में मकर संक्रांति पर ग्रहों के स्वामी सूर्य देव के पूजन से शनिदोष से भी मुक्ति मिलेगी।