- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- Makar Sakranti 2023:...
Makar Sakranti 2023: जानें मकर संक्रांति पर दान करने से क्या होगा लाभ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मकर संक्रांति (Makar Sakranti) का पर्व हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है, लेकिन इस बार लोगों के मन में इसको लेकर कंफ्यूजन है कि ये (Makar sakrani Subh muhrat) पर्व आज है या कल. बता दें जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति होती है. सूर्य में मकर का प्रवेश करने का समय ही तय करेगा कि मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी. पंचाग के अनुसार इस साल सूर्य का मकर में 14 जनवरी की रात 8 बजकर 57 मिनट पर प्रवेश हा रहा है, लेकिन उस समय रात होने के कारण स्नान और दान नहीं हो पाएगा. इस वजह से अगले दिन 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इसका पुण्य काल समय सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.
मकर संक्राति के दिन स्ननान का विशेष महत्व है. इस दिन सूर्योदय पर मकर संक्रांति(Makar Sakranti) का स्नान, दान और सूर्य देव की पूजा करना उचित माना जाता है. कई बार लोग गंगा पास न होने की वजह से गंगा में स्नान नहीं कर पाते हैं, तो ऐस में आप घर पर ही नहाते वक्त पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. स्नान करने के बाद लोग पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं और अपनी श्रद्धा के हिसाब से अन्न, तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल, चावल, उड़द की दाल, मुरमुरे का लड्डू आदि का दान करते हैं.
दान करने से क्या होगा लाभ
बताया जाता है इस दिन दान करना और दिन के मुकाबले सौ गुना ज्यादा फल देता है. वहीं स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और साथ ही इस दिन खिचड़ी दान का खास महत्व होता है. कई घरों में मकर संक्रांति (Makar Sakranti) के दिन खिचड़ी (Khichdi) बनाकर भी खाई जाती है. शास्त्रों के मुताबिक, तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं, वहीं गुड़ का दान करने से सूर्य देव खुश होते हैं. अनाज का दान करने से आपकी हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही रेवड़ी का दान करना भी इस दिन शुभ माना जाता है. पंचाग के मुताबिक मकर संक्रांति को अलग अलग राज्यों में अलग नाम से जाना जाता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण, तमिलनाडु में पोंगल के नाम से और पंजाब में माघी के नाम से जाना जाता है.