धर्म-अध्यात्म

महाशिवरात्रि विशेष: इन अजब-गजब शिवलिंग के दर्शन से हो जायेंगे प्रसन्न

Deepa Sahu
11 March 2021 4:50 PM GMT
महाशिवरात्रि विशेष: इन अजब-गजब शिवलिंग के दर्शन से हो जायेंगे प्रसन्न
x
महाशिवरात्रि विशेष

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 11 मार्च यानी आज है। पुराणों में बताया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इस उपलक्ष्य में शिवभक्त व्रत रखते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर हम आपको कुछ ऐसे रहस्यमी और चमत्कारी शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आज भी अपवाद बने हुए हैं। कुछ शिवलिंग अपने रंग बदलने के कारण प्रसिद्ध हैं तो कुछ शिवलिंग का जलाभिषेक सागर करता है। आइए जानते हैं ऐसे शिवलिंग के बारे में जिनके चमत्कार को देख भक्त हैरान रह जाते हैं…

भूतेश्वर शिव मंदिर

छत्तीसगढ़ के मरोदा गांव में भूतेश्वर शिव मंदिर स्थित है। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग हर साल करीब 6 से 8 इंच बढ़ता है। यह शिवलिंग आज के दौर में 18 फीट लंबा है। राज्य का राजस्व विभाग हर साल शिवलिंग का माप रेकॉर्ड रखता है।
बिजली महादेव मंदिर
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक ऊंचे पर्वत पर ऐसे शिवलिंग स्थित हैं, जहां हर साल उन पर बिजली गिरती है। बिजली गिरने के कारण वह खंडित भी हो जाते हैं लेकिन मंदिर को कुछ नहीं होता। हिमाचल में इस मंदिर को बिजली महादेव के नाम से जाना जाता है।
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर
गुजरात के बढ़ोदरा जिले में स्थिति स्तंभेश्वर महादेव मंदिर अपनी खूबी के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर समुद्र के बीच में स्थित है और इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने किया था। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का जलाभिषेक खुद सागर करता है। दरअसल समुद्र का जलस्तर दिन में दो बार बढ़ता है, जिससे मंदिर पूरी तरह डूब जाता है लेकिन कुछ देर बाद फिर से मंदिर दिखाई देने लगता है।
लुटरू महादेव मंदिर
हिमाचल के अर्की सोलन जिल में लुटरू महादेव मंदिर स्थित है। गुफा के अंदर मौजूद इस मंदिर के शिवलिंग प्राकृतिक हैं। इस शिवलिंग में कई छेद हैं। यह शिवलिंग इसलिए प्रसिद्ध हैं क्योंकि यहां के शिवलिंग सिगरेट पीते हैं। भक्तजन शिवलिंग के छेद में जली हुई सिगरेट फंसा देते हैं और कुछ देर बाद सिगरेट खुद ही सुलगने लगती है, जैसे कोई उसे पी रहा हो।
महादेवशाला धाम
भारत में कई ऐसे खंडित शिवलिंग हैं, जिनकी पूजा की जाती है। झारखंड के गोइलकेरा में महादेवशाला धाम स्थित है और यहां खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है। यहां शिवलिंग के दो टुकड़ों की पूजा की जाती है। ऐसे ही झारखंड के देवघर जिल में बासुकीनाथ मंदिर स्थित है, जहां खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है।
अचलेश्वर महादेव मंदिर
राजस्थान के धौलपुर में अचलेश्वर महादेव मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह जहां शिवलिंग का रंग लाल होता है तो दोपहर में केसरिया और वहीं शाम को शिवलिंग का रंग श्यामा हो जाता है।
कालेश्वर महादेव मंदिर और बनखंडी महादेव मंदिर
रंग बदलते शिवलिंग उत्तर प्रदेश में भी स्थित हैं। यूपी के घाटमपुर तहसील में कालेश्वर महादेव मंदिर हैं। इस मंदिर के शिवलिंग के बारे में बताया जाता है कि सूर्य की रोशनी में शिवलिंग तीन बार रंग बदलता प्रतित होते हैं। शिवलिंग के इस चमत्कार को देखने के लिए दूर-दूर से कई लोग आते हैं। वहीं चकरपुर के जंगल में बनखंडी महादेव मंदिर स्थित है। बताया जाता है कि रोहिणी नक्षत्र में जब शिवरात्रि पड़ती है, तब शिवलिंग सात बार रंग बदलता है। ऐसा क्यों होता है आजतक इसके बारे में किसी को नहीं पता।
मतंगेश्वर शिवलिंग
मध्यप्रदेश का खुरजाहो स्थित मतंगेश्वर शिवलिंग के बारे में बताया जाता है कि यह शिवलिंग हर साल तिल के आकार का बढ़ता है। शिवलिंग जितना ऊपर है, उतना ही नीचे हैं। शिवलिंग 9 फीट जमीन के अंदर है और उतना ही ऊपर है। बताया जाता है कि इस शिवलिंग की पूजा भगवान राम ने की थी।
कल्याणेश्वर महादेव मंदिर
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिल में कल्याणेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। इस शिवलिंग का रहस्य अपने आप में अद्भुत है। बताया जाता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल और दूध जमीन में समा जाता है और वह कहां जाता है, इसके बारे में किसी को नहीं पता।
Next Story