धर्म-अध्यात्म

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर ऐसे करें 'रुद्राभिषेक', भगवान शिव की मिलती है विशेष कृपा

Tulsi Rao
28 Feb 2022 9:51 AM GMT
Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर ऐसे करें रुद्राभिषेक, भगवान शिव की मिलती है विशेष कृपा
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रुद्राभिषेक करने से ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव खत्म हो जाते हैं. साथ ही जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं. ऐसे में जानते हैं रुद्राभिषेक की सही विधि.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि का पावन पर्व 1 मार्च, मंगलवार को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक बेहद खास माना गया है. वेदों में भी रुद्राभिषेक की महिमा का वर्णन किया गया है. यजुर्वेद में कहा गया है कि घर पर या शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना अत्यंत लाभकारी होता है. रुद्राभिषेक करने से ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव खत्म हो जाते हैं. साथ ही जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं. ऐसे में जानते हैं रुद्राभिषेक की सही विधि.

रुद्राभिषेक विधि (Rudrabhishek Vidhi)
रुद्राभिषेक के लिए शिवलिंग को उत्तर दिशा में रखना चाहिए. अभिषेक करने वाले का या अन्य लोगों का मुख पूरब की ओर होना उत्तम माना गया है. सबसे पहले श्रृंगी (अभिषेक करने वाला पात्र) से शिवलिंग पर गंगाजल डालें और फिर अभिषेक की शुरूआत करें. रुद्राभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र, शिव तांडव स्तोत्र, शिव पंचाक्षर मंत्र (नमः शिवाय) या रूद्र मंत्र का जाप करना चाहिए. पूजन करते समय शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं. इसके बाद पान का पत्ता, बेलपत्र, सुपारी इत्यादि पूजन सामग्रियां शिवलिंग पर अर्पित करें. इसके बाद शिव के निमित्त बनाए गए भोग अर्पित करें. साथ ही शिव मंत्र का 108 बार जाप करें. इतना करने के बाद सपरिवार शिवजी की आरती करें. शिवजी की आरती के बाद अभिषेक के जल का पूरे घर में छिड़काव करें. अभिषेक के दौरान शिव मंत्रों का जाप जारी रखना अच्छा माना जाता है.
अभिषेक से पहले इन देवी-देवताओं करे आवाह्न
रुद्राभिषेक एक महत्वपूर्ण पूजा है. ऐसे में अभिषेक शुरू करने से पहले देवी देवताओं का आवाह्न करना आवश्यक होता है. सबसे पहले भगवान गणेश का आवाह्न करते हैं. इसके बाद माता पार्वती, नवग्रह, पृथ्वी माता, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का आवाह्न और पूजन किया जाता है. इसके बाद सभी देवी-देवताओं को अक्षत, रोली और फूल चढ़ाकर उनकी स्तुति की जाती है. इसके बाद रुद्राभिषेक शुरू किया जाता है.
रुद्राभिषेक पूजन सामग्री (Rudrabhishek Pujan Samagri)
रुद्राभिषेक पूजन सामग्रियों में शुद्ध गाय का घी, पान के पत्ते, फूल, चंदन, धूप, गंध, कपूर, बेलपत्र, मिठाई, मौसमी फल, शहद, दही, ताजा दूध, गुलाब जल, मेवा, पंचामृत, नारियल पानी, गन्ने का रस, चंदन जल, गंगाजल, शुद्द जल, सुपारी और नारियल शामिल हैं. रुद्राभिषेक शुरू करने से इन्हें एकत्र कर लें. रुद्राभिषेक में सबसे महत्वपूर्ण होता है श्रृंगी (अभिषेक का पात्र). पीतल की श्रृंगी को अभिषेक के लिए उत्तम माना गया है. हालांकि किसी अन्य धातु की श्रृंगी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. रुद्राभिषेक दौरान इन चीजों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए.


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