धर्म-अध्यात्म

महानंदा नवमी आज, पूजा करते समय जरूर करें ये पाठ, मां दुर्गा के साथ देवी लक्ष्मी भी होंगी प्रसन्न

Tara Tandi
24 Sep 2023 7:18 AM GMT
महानंदा नवमी आज, पूजा करते समय जरूर करें ये पाठ, मां दुर्गा के साथ देवी लक्ष्मी भी होंगी प्रसन्न
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हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानंदा नवमी मनाई जाती है. बता दें कि नंदा, मां दुर्गा का ही एक रूप हैं. इस दिन मां दुर्गा और देवी लक्ष्मी की पूजा-आराधना की जाती है. इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत रखने और पूजा करने से मां दुर्गा और देवी लक्ष्मी अपना आशीर्वाद बरसाती हैं. साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि महानंदा नवमी की पूजा करते समय अगर आप महालक्ष्मी स्तु‍ति का पाठ और कुछ विशेष उपाय करेंगे तो आपके हर कष्ट दूर हो जाएंगे और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होगा. तो चलिए जानते हैं कौन-से विशेष उपाय करके आप माता को खुश कर सकते हैं.
महानंदा नवमी पर करें ये खास उपाय
1. अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो इसके लिए इस दिन देवी मां के इस मंत्र का 11 बार जप करें. मंत्र है - 'सर्वा बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥
2. जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए इस दिन आपको अपने घर में दुर्गा बीसा यंत्र की विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए और मां दुर्गा के अर्गला स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.
3. अगर आप अपने बिजनेस में हो रहे नुकसान से परेशान हैं तो महानंदा नवमी के दिन हवन करना चाहिए. ऐसा करने से बिजनेस में सफलता मिलेगी.
4. महानंदा नवमी के दिन 108 मखानों से हवन करने से हर कार्य में सफलता मिलती है. साथ ही स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है.
महानंदा मंत्र
'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ऊँ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।
महानंदा नवमी की पूजा करते समय करें इस मां लक्ष्मी स्तु‍ति का पाठ
1.आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
2.सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
3.विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
4.धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।।
5.धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
6.मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
7.गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
8.धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
9.जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
10.भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
11.कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
12.आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
शुभं भवतु कल्याणी आयुरारोग्य सम्पदाम्।
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