धर्म-अध्यात्म

बेहद चमत्कारी है महामृत्युंजय मंत्र, जानें जप विधि

HARRY
22 May 2023 3:16 PM GMT
बेहद चमत्कारी है महामृत्युंजय मंत्र, जानें जप विधि
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हिंदी अर्थ एवं इससे होने वाले लाभ
Mahamrityunjaya Mantra: सनातन धर्म में सभी देवों में भगवान भोलेनाथ को सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। इन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है। शिव कालों के भी काल महाकाल हैं। इनकी कृपा से बड़े से बड़ा संकट या काल भी मनुष्य का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। शास्त्रों में भगवान शिव के कई चमत्कारिक मंत्र बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है महामृत्युंजय मंत्र। यदि आप भयमुक्त, रोगमुक्त जीवन चाहते हैं या अकाल मृत्यु के डर से खुद को दूर रखना चाहते हैं, तो भगवान शिव के सबसे प्रिय ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से शिव जी बेहद प्रसन्न होते हैं। इस मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलता है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं, जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। शिवपुराण के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र के जाप से संसार के सभी कष्ट से मुक्ति मिलती है। तो चलिए आज जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी अर्थ और इसके महत्व के बारे में...
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
हिंदी में इसका अर्थ है- इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं। इस पूरे विश्व में सुगंध फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।कब और कैसे करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप ?
महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार करना चाहिए। यदि आप सवा लाख बार नहीं कर सकते तो 108 बार भी इसका जाप कर सकते हैं। सावन माह में इस मंत्र का जाप अत्यंत ही कल्याणकारी माना जाता है। लेकिन यदि आप अन्य माह में इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो सोमवार के दिन से शुरुआत करें। इस मंत्र के जाप में रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें। Mahamrityunjaya Mantra: सनातन धर्म में सभी देवों में भगवान भोलेनाथ को सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। इन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है। शिव कालों के भी काल महाकाल हैं। इनकी कृपा से बड़े से बड़ा संकट या काल भी मनुष्य का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। शास्त्रों में भगवान शिव के कई चमत्कारिक मंत्र बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है महामृत्युंजय मंत्र। यदि आप भयमुक्त, रोगमुक्त जीवन चाहते हैं या अकाल मृत्यु के डर से खुद को दूर रखना चाहते हैं, तो भगवान शिव के सबसे प्रिय ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से शिव जी बेहद प्रसन्न होते हैं। इस मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलता है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं, जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। शिवपुराण के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र के जाप से संसार के सभी कष्ट से मुक्ति मिलती है। तो चलिए आज जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी अर्थ और इसके महत्व के बारे में...
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
हिंदी में इसका अर्थ है- इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं। इस पूरे विश्व में सुगंध फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।
महामृत्युंजय मंत्र के फायदे
इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है।
इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और मनुष्य को कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
महामृत्युंजय मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है।
जिस भी व्यक्ति को धन-सम्पत्ति पाने की इच्छा हो, उसे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना चाहिए।
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