धर्म-अध्यात्म

Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के दिन होगा महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान, जानें इस दिन डुबकी लगाना क्यों है खास

Renuka Sahu
16 Jan 2025 3:15 AM GMT
Mahakumbh 2025:  मौनी अमावस्या के दिन होगा महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान, जानें इस दिन डुबकी लगाना क्यों है खास
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 को संपन्न हुआ। अब लोग दूसरे अमृत स्नान (शाही स्नान) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 13 जनवरी को प्रमुख स्नान और 14 जनवरी को अमृत स्नान के दिन भक्तों की बड़ी संख्या प्रयागराज में उमड़ी थी। अब आकलन लगाया जा रहा है कि दूसरे अमृत स्नान के दिन डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा और भी अधिक बढ़ सकता है। इसकी एक वजह यह भी है कि मौनी अमावस्या के स्नान को पहले से ही बेहद खास माना गया है, ऐसे में अगर इस दिन अमृत स्नान किया जाए तो पुण्य कई गुना बढ़ सकता है। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान कितनी तारीख को है और इस दिन डुबकी लगाने को इतना खास क्यों माना जा रहा है।
महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान
महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा। मौनी अमावस्या तिथि 29 जनवरी 2025 को है। हालांकि अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7 बजकर 35 मिनट से शुरू हो जाएगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार 29 जनवरी को ही मौनी अमावस्या का स्नान किया जाएगा। मौनी अमावस्या की समाप्ति 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगी। इसके बाद तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन होगा।
स्नान दान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या के दिन स्नान के साथ ही दान का भी बड़ा महत्व है। 29 जनवरी को ब्रह्म मुहर्त 5 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। इस दौरान स्नान करने करने को बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि मौनी अमावस्या एक पुण्य तिथि है इसलिए सूर्यास्त से पहले आप कभी भी इस दिन स्नान या दान कर सकते हैं।
क्यों खास है मौनी अमावस्या के दिन डुबकी लगाना?
ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन अगर आप अमृत स्नान करने के साथ ही पितरों को तर्पण देते हैं, उनके निमित्त दान करते हैं तो पितरों का
आशीर्वाद
आपको मिलता है। इसके साथ ही पितरों की आत्मा भी तृप्त होती है और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। वहीं आपको भी पितृदोष से मुक्ति मिलती है। मौनी अमावस्या का स्नान इसलिए भी खास है क्योंकि, इस दिन स्नान करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है और उसके सभी पाप धुल जाते हैं। यानि आध्यात्मिक पथ पर चलने वाले और सांसारिक लोगों, दोनों के लिए ही मौनी अमावस्या का स्नान बेहद महत्वपूर्ण है।
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