धर्म-अध्यात्म

Mahakumbh 2025: मकर संक्रांति पर दूसरा शाही स्नान दान की विधि

Renuka Sahu
10 Jan 2025 4:03 AM GMT
Mahakumbh 2025:    मकर संक्रांति पर दूसरा शाही स्नान दान की विधि
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Mahakumbh 2025: सनातन धर्म शास्त्रों में शाही स्नान को बहुत पवित्र और पुण्यदायी माना गया है. यही वजह है कि शाही स्नान के दिन संगम के किनारे श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सनातन धर्म में मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान को बहुत शुभ माना गया है. इस दिन शुभ मुहूर्त में किए गए स्नान और दान का विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है. इस साल मकर संक्रांति (14 जनवरी) पर महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान है. हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. इसके बाद पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा. इसके अलावा मकर संक्रांति के साथ माघ माहीने का शुभारंभ होगा. ऐसे में चलिए जानते हैं मकर संक्रांति पर दूसरे शाही स्नान के लिए शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का समय|
मकर संक्रांति पर क्यों होती है सूर्य देव की पूजा
मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है क्योंकि वे दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं, जिससे देवताओं का दिन प्रारंभ होता है. इसके साथ ही इस दिन खरमास समाप्त होता है और विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त देखे जाते हैं|
मकर संक्रांति 2025 का मुहूर्त
सूर्य का मकर राशि में प्रवेश- 14 जनवरी, सुबह 9:03 बजे
महा पुण्य काल- सुबह 9:03 से 10:48 बजे
पुण्य काल- सुबह 9:03 से शाम 5:46 बजे
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 5:27 से 6:21 बजे
मकर संक्रांति पर गंगा या संगम स्नान के लिए सर्वोत्तम समय महा पुण्य काल (सुबह 9:03 से 10:48) है. यदि इस समय स्नान संभव न हो सके तो पुण्य काल (शाम 5:46 तक) में स्नान किया जा सकता है|
अगर संगम जाना ना हो पाए तो क्या करें
मकर संक्रांति पर माघ मास के पहले दिन संगम में स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है. अगर, संगम स्नान संभव नहीं हो सके तो ऐसे में घर पर ही नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं|
स्नान के जल में गंगाजल की कुछ बूंदें डालें. उसमें थोड़ा सा काला तिल मिलाएं, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है. स्नान करते समय "गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।" मंत्र का उच्चारण करें. अगर, मंत्र पढ़ना संभव न हो, तो मां गंगा का स्मरण करें और पापों से मुक्ति की प्रार्थना करें. स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और उनकी पूजा करें|
किन चीजों का करें दान
मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद काले तिल, गुड़, खिचड़ी और गर्म कपड़े का दान करें. यह दान ऐसे व्यक्ति को करना चाहिए जो जरुरतमंद हो|
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