धर्म-अध्यात्म

महादेव का प्रिय महीना सावन इस दिन से शुरू होगा, जानें महत्व और पूजा विधि

Subhi
19 Jun 2022 3:10 AM GMT
महादेव का प्रिय महीना सावन इस दिन से शुरू होगा, जानें महत्व और पूजा विधि
x
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का पांचवा महीना देवों के देव महादेव का प्रिय महीना यानी सावन होता है। भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन इस साल 14 जुलाई 2022 से शुरू हो रहा है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का पांचवा महीना देवों के देव महादेव का प्रिय महीना यानी सावन होता है। भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन इस साल 14 जुलाई 2022 से शुरू हो रहा है। वैसे तो ये पूरा माह महादेव को समर्पित होता है। इस पूरे माह में शिव शम्भू की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार का अलग ही महत्व होता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव शंकर को सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है, इसलिए वे देवाधिदेव महादेव कहलाते हैं। वे कालों के भी काल महाकाल हैं। इनकी कृपा से बड़ा से बड़ा संकट भी टल जाता है। भगवान शिव को मनुष्य तो क्या देवी-देवता, सुर-असुर, सभी पूजते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव बहुत ही आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देव हैं। वे केवल भाव के भूखे हैं, यदि कोई श्रद्धा पूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं सावन माह में महादेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए क्या करना चाहिए...

सावन 2022 कब से होगा शुरू

पंचांग के अनुसार, भोलेनाथ का प्रिय माह सावन 14 जुलाई 2022 से शुरू हो रहा है और 12 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ समाप्त हो रहा है।

सावन 2022 कब से होगा शुरू

इस साल सावन माह में कुछ चार सोमवार पड़ रहे हैं।

सावन का पहला सोमवार - 18 जुलाई 2022, सोमवार

सावन का दूसरा सोमवार - 25 जुलाई 2022, सोमवार

सावन का तीसरा सोमवार - 01 अगस्त 2022 सोमवार

सावन का अंतिम सोमवार - 08 अगस्त 2022, सोमवार

सावन 2022 कब से होगा शुरू

सावन हिंदी कैलेंडर के अनुसार पांचवां महीना होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये माह भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए बेहद ही खास होता है। जो व्यक्ति सावन के हर सोमवार को व्रत रखता है और शिव जी की उपासना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही कहा जाता है कि कुंवारी लड़कियां यदि सोमवार के व्रत को विधि-विधान से करती हैं तो उन्हें शिव जी की तरह वर की प्राप्ति होती है।

Next Story