धर्म-अध्यात्म

Mahabharat Katha: सशरीर स्वर्ग जा रही द्रौपदी के 3 'पापों' ने उन्हें मृत्युलोक में छोड़ा, जानिए कथा

Deepa Sahu
22 Jun 2021 11:04 AM GMT
Mahabharat Katha: सशरीर स्वर्ग जा रही द्रौपदी के 3 पापों ने उन्हें मृत्युलोक में छोड़ा, जानिए कथा
x
Mahabharat Katha

Mahabhart Story in Hindi: द्रुपद पुत्री द्रौपदी अदभुत सौंदर्य की स्वामिनी थी. राज परिवार में जन्म और लाड़प्यार में पलीं द्रौपदी के इसी अहंकार ने न सिर्फ महाभारत युद्ध की पटकथा लिखी बल्कि खुद उन्हें सशरीर स्वर्ग जाने से पहले ही मृत्युलोक में ही प्राण त्यागने पड़े. आइए जानते हैं द्रौपदी के वे तीन पाप, जिनके कारण वह स्वर्ग के रास्ते पर जाते हुए भी मृत्युलोक में छूट गईं.

स्वयंवर में कर्ण समेत कई राजकुमारों का अपमान
द्रौपदी के विवाह के लिए राजा द्रुपद ने पांचाल देश में स्वयंवर आयोजित किया. इसमें बड़े-बड़े राज्यों से सम्राट, राजा और राजकुमार आए. इसमें दुर्योधन, कर्ण, दुशासन के अलावा तपस्वी के भेष में पांडव भी पहुंचे. इस दौरान अधिकांश राजकुमार मछली की आंख नहीं भेद सके तो कर्ण अपने सिंहासन से उठे, लेकिन द्रौपदी ने मुख पर ही उन्हें यह कहकर अपमानित कर दिया कि वह एक सूत पुत्र से विवाह नहीं कर सकती हैं और वह कोई क्षत्रिय नहीं हैं. इसके चलते उसे प्रतियोगिता में अवसर ही नहीं दिया गया. इसके अलावा कई अन्य राजकुमारों के हारने पर मजाक बनाया.
इंद्रप्रस्थ में मेहमान बनकर आए दुर्योधन का अपमान
अज्ञातवास काटकर हस्तिनापुर लौटे पांडवों को जब अपना हिस्सा मिला तो उन्होंने इंद्रप्रस्थ को अपनी राजधानी बनाया और इसे अदभुत तरीके से सजाया संवारा. इसे देखने के लिए दुर्योधन समेत कौरव और दूर-दराज के राजा पहुंचे, यहां एक विचित्र परिसर था, जो वास्तव में फर्श था, लेकिन प्रतिबिंब से पानी का सरोवर लगता था, इसी तरह एक ऐसी दीवार थी, तो आरपार दिखती थी, यहां आया दुर्योधन इनसे भ्रमित हो गया और दीवार को आरपार जानकर वह उससे टकरा गया. यह देखकर वहां मौजूद द्रौपदी ने उपहास उड़ाते हुए उसे अंधे का बेटा अंधा कहकर अपमानित किया.
पांचों पतियों में सर्वाधिक अर्जुन से प्रेम
स्वयंवर में जीत के बाद जब पांडव द्रौपदी के लेकर जंगल में अपनी कुटिया में लेकर पहुंचे तो वहां मां के आदेश पर उनका विवाह पांचों भाइयों से कर दिया गया, लेकिन वास्तविकता में द्रौपदी सिर्फ अर्जुन से प्रेम करती थीं. इसका खुलासा धर्मराज युधिष्ठिर ने स्वर्ग के रास्ते पर चलते हुए उस समय किया, जब वह लड़खड़ाकर गिर गईं. भाइयों ने उनके गिरकर मृत्यु को प्राप्त करने की वजह पूछी तो युधिष्ठिर ने कहा कि युधिष्ठिर ने कहा कि द्रौपदी हम सभी में अर्जुन को अधिक प्रेम करती थीं, इसलिए उसके साथ ऐसा हुआ, जबकि उसका विवाह तो पांचों भाइयों के साथ हुआ था. ऐसा कहकर युधिष्ठिर द्रौपदी को बिना देख स्वर्ग की ओर बढ़ गए.


Next Story