धर्म-अध्यात्म

Maha Shivratri 2022: 1 मार्च को है महाशिवरात्रि, जानिए व्रत की सही विधि

Rani Sahu
22 Feb 2022 10:40 AM GMT
Maha Shivratri 2022: 1 मार्च को है महाशिवरात्रि, जानिए व्रत की सही विधि
x
शिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव (lord shiv puja) और शक्ति के अभिसरण का रूप होता है

Maha Shivratri 2022: शिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव (lord shiv puja) और शक्ति के अभिसरण का रूप होता है. हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह (Phalgun Month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (Chaturdashi Tithi) को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है और इस दिन भगवान भोलेनाथ को अनेकों तरीकों से भक्त खुश करने की कोशिश करते हैं. इस बार महा श‍िवरात्र‍ि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी. इस दिन भोले (Lord shiva) के भक्त खास रूप से पूजा-अर्चना करके प्रभु को खुश करने की कोशिश करते हैं. आइए जानते हैं इस दिन किस तरह से भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए.

महाशिवरात्रि व्रत विध‍ि (Maha Shivratri Vrat Vidhi)
आपको बता दें कि शिवरात्रि व्रत से एक दिन पहले, त्रयोदशी पर भक्तों को बिना प्याज आदि का भोजन करना चाहिए. जबकि शिवरात्रि के दिन, सुबह उठकर स्‍नान करके पूरी श्रद्धा के साथ इस भगवान भोलेनाथ के आगे व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प के दौरान भक्त उपवास की अवधि पूरा करने के लिये भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं. आप व्रत किस तरह से रखेंगे यानी कि फलाहार या फिर निर्जला ये भी तभी संकल्प लें.
शिवरात्रि वाले दिन सुबह स्नान करके मंदिर में पूजा करने जाना चाहिए. श‍िवरात्र‍ि के मौके पर भगवान श‍िव पूजा रात्र‍ि खास रूप से करनी चाहिए. पूरे दिन और रात उपवास करने के बाद अगले दिन सूर्योदय होने के बाद नहाकर ही व्रत खोला जाता. वास्‍तविक मान्‍यता यही है कि शिव पूजन और पारण (Shiva Puja and Parana) चतुर्दशी तिथ‍ि में ही की जाती है.
चार पहर की पूजा :
महाशिवरात्रि की पूजा रात में एक या चार बार अलग अलग प्रकार से की जाती है. चार बार शिव पूजा करने के लिए चार प्रहर (प्रहर) प्राप्त करने के लिए पूरी रात की अवधि को चार में विभाजित किया जा सकता है. इस दिन हर एक प्रहर की अलग अलग पूजा विधि होती है. हालांकि इस दिन रुद्राभिषेक का खास महत्व बताया जाता है. जानिए चार प्रहर की पूजा का समय
1. रात्र‍ि प्रहर पूजा : शाम 06:21 से रात्र‍ि 09:27 बजे तक
2. रात्र‍ि प्रहर पूजा : रात्र‍ि 09:27 से रात्र‍ि 12:33 (02 मार्च)
3. रात्र‍ि प्रहर पूजा : रात्र‍ि 12:33 से सुबह 03:39 बजे तक (02 मार्च)
4. रात्र‍ि प्रहर पूजा : सुबह 03:39 बजे से 06:45 बजे तक (02 मार्च)
वहीं,निशिता काल पूजा का समय (Nishita Kaal Puja Time) 02 मार्च 2022 को सुबह 12:08 से लेकर सुबह 12:58 बजे तक ही रहने वाला है.चतुर्दशी तिथ‍ि कब शुरू होगी : 01 मार्च 2022 को सुबह 03:16 बजे से होगी प्रारंभ
चतुर्दशी तिथ‍ि कब समाप्‍त होगी : 02 मार्च 2022 को सुबह 01:00 बजे होगा समापन
Next Story