धर्म-अध्यात्म

Magh Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्रि का आज चौथा दिन, जानें मां भुवनेश्वरी की पूजा विधि, स्वरूप और महत्व

Renuka Sahu
2 Feb 2025 2:03 AM GMT
Magh Gupt Navratri 2025:  गुप्त नवरात्रि का आज चौथा दिन, जानें मां भुवनेश्वरी की पूजा विधि, स्वरूप और महत्व
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Magh Gupt Navratri 2025: आज गुप्त नवरात्रि का चौथा दिन है. इस दिन मां भुवनेश्वरी की पूजा करते हैं. इन्हें सारी दुनियां का पालन पोषण और धारण करने वाली मानी जाती है. कहा जाता है कि इनकी पूजा करने से व्यक्ति को ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है|
मां भुवनेश्वरी का स्वरुप-
मां भुवनेश्वरी को महालक्ष्मी का स्वरुप माना जाता है. इनक स्वरुप बहुत ही सौम्य है और इनके समस्त अंग कान्ति से परिपूर्ण है. यह अपने भक्तों को अभय और समस्त सिद्धियां प्रदान करती है. मां अपने मस्तक पर मुकुट और चंद्रमा धारण करती हैं. इनके तीन नेत्र है और मुख पर हमेशा मुस्कान छाई रहती है. इसके अलावा हाथों में पाश, अंकुश, वरद तथा अभय मुद्रा विराजमान रहते हैं|
मां भुवनेश्वरी की पूजा विधि-
गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन मां भुवनेश्वरी की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करने के बाद पूजा स्थल की साफ सफाई करनी चाहिए. व्रत संकल्प करें और पूजा की समग्री रखें. मां दुर्गा के सभी रुपों का ध्यान करते हुए घी की दीपक प्रज्वलित करें. मां भुवनेश्वरी को लाल लाल सिंदूर, चावल और लाल फूल चढ़ाएं. इसके बाद मां को मेवे या शुद्ध दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद पूजा स्थल के सामने आसन लगाकर बैठे और मां भुवनेश्वरी को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भुवनेश्वर्यै नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. वहीं सिद्धि प्राप्त करने के लिए ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः का जप करें. पूजा के अंत में मां भुवनेश्वरी की आरती करें और ध्यान लगाएं|
मां भुवनेश्वरी की पूजा का महत्व-
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब संसार में असुरों का अत्याचार बढ़ने लगा था, तब सभी देवी देवता परेशान होने लगे. इसके बाद देवतागण अपनी परेशानी लेकर महादेव के पास पहुंचे और उन्हें दानवों के घोर अत्याचार के बारे में बताया. महादेव ने देवताओं की बात सुनी और क्रोध में आकर दानवों का वध करने के लिए निकल गए. मान्यता है कि महादेव जब अधंका राक्षस वध करने के लिए गए तो मां भुवनेश्वरी ने उनकी मदद की|
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