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विधि विधानपूर्वक पूजा-अर्चना से मनोरथ पूर्ण करेंगी ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि बेहद फलदायी होती है। इस तिथि पर दिवाली पर्व होता है। हिंदू धर्म में मनाए जाने वाला यह प्रमुख त्योहार है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का यह पर्व आज है। इस पर्व पर विधि विधानपूर्वक पूजन अर्चन करने से मां लक्ष्मी की असीम अनुकंपा होती है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से माता की विशेष कृपा बरसती है।
मान्यता है कि लक्ष्मी पूजन विधि विधानपूर्वक हो तो बरकत बनी रहती है। ज्योतिषाचार्यों कहना है कि जिन घरों में लक्ष्मी की पीतल या चांदी की मूर्ति होती है वहां विधिवत पूजन होना चाहिए। माता लक्ष्मी की मूर्ति के साथ ही भगवान गणेश का होना भी अनिवार्य है। माता लक्ष्मी धन की देवी हैं तो भगवान गणेश बुद्धि के देवता माने गए हैं। दीपावली पर्व पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करने से बुद्धि और धन बढ़ता है। माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व दीपावली पर्व पर शाम को है। प्रदोषकाल में मां लक्ष्मी की पूजा से शुभ फल देता है। इससे कुंडली के दोष भी दूर होते हैं। मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा कुमकुम आदि से करें। ये सब पवित्रता के प्रतीक हैं। माता लक्ष्मी को भोग में खीर या मीठा दूध चढ़ाएं। कन्याओं को भी दान दक्षिणा देनी चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
- मां लक्ष्मी की स्थापना वाली जगह साफ सुथरी हो।
- मंदिर में माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की स्थापना जरूर हो।
- श्रीसूक्त या लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
- कन्याओं को उपहार दें।
- गाय को रोटी खिलाएं।
- सुबह तुलसी की पूजा करें और शाम को दीपक जलाएं।
क्या बोले ज्योतिषाचार्य-
सोरोंजी के ज्योतिषाचार्य पंडित राहुल वशिष्ठ का कहना है कि इस दिन धन व ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह देवी सभी मनोरथों को पूर्ण करतीं हैं। विधि विधान पूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा करें और मंत्र ओम महालक्ष्म्यै नम: का जाप करें।