धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की पूजा

Apurva Srivastav
24 March 2023 6:43 PM GMT
नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की पूजा
x
चैत्र नवरात्रि में चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. 25 मार्च को नवरात्रि का चौथा दिन है और इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा ही सबसे महत्वपूर्ण है. मां कुष्मांडा की मधुर मुस्कान से ब्राह्मांड की रचना की थी और उन्हें सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने से रोग-दोष मिट जाते हैं. मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने से घर में बीमारी नहीं आती है. चलिए आपको मां कुष्मांडा की पूजा विधि बताते हैं.
मां कुष्मांडा की पूजा विधि
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह सुबह स्नान करने के बाद हरे रंग के वस्त्र पहनें. इस दिन कुम्हड़े की बलि देकर माता को अर्पित करते हैं और कुम्हड़ा वो फल है जिससे पेठा बनता है और जिसे आम भाषा में कद्दू कहते हैं. माता को मेहंदी, चंदन, हरी चूड़ी जरूर चढ़ाएं जिससे मां कुष्मांडा प्रसन्न होती हैं. देवी कुष्मांडा का प्रिय भोग मालपुआ होता है तो इस दिन इसका भोग जरूर लगाएं. माता कुष्मांडा के बीज मंत्र का 108 बार जाप करके मां का स्मरण जरुर करें. ऐसी मान्यता है कि असाध्य रोग भी इससे खत्म हो जाता है. मां कुष्मांडा का हरा रंग और मालपुआ बहुत पसंद है तो इसे जरूर उन्हें अर्पित करें.
मां कुष्मांडा की पूजा का मुहूर्त
चैत्र शुक्ल चतुर्थी तिथि 23 मार्च की शाम 6 बजकर 20 मिनट पर हुआ है और चैत्र शुक्ल चतुर्थी तिथि माप्ति 24 मार्च की शाम 4 बजरकर 59 मिनट पर होगा. पूजा करने का सबसे उत्तम मुहूर्त 24 मार्च की सुबह 7 बजकर 52 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 24 मिनट ही रहेगा. पूजा के दौरान “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें, आपकी पूजा जरूर सफल होगी.
Next Story