धर्म-अध्यात्म

मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के उपाय

Kajal Dubey
7 April 2022 11:01 AM GMT
मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के उपाय
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नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप को समर्पित है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इतना ही नहीं, विवाह में आ रही समस्याएं और बाधाओं को दूर करने के लिए भी मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए. इससे मनचाहे फल की प्राप्ति होती है और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. इस बार मां कात्यायनी की पूजा 7 अप्रैल यानी की कल की जाएगी. आइए जानें मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के उपाय.

ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा को समर्पित है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां कात्यायनी की पूजा करें. पूजन में पीले फूल और पीले भोग का इस्तेमाल बेहतर रहता है. इसके बाद धूप-दीप से उनकी आरती करें.
विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए यूं करें पूजा
जिन जातकों के विवाह में कोई समस्या आ रही है या फिर शादी नहीं हो रही है तो ये जातक नवरात्रि के छठे दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें और मां कात्यायनी के सामने दीपक जलाएं. साथ ही उन्हें पीले रंग के फूल अर्पित करें. साथ ही, माता को पीली हल्दी की 3 गांठ अर्पित करें. फिर मां कात्यायनी के मंत्रों का जापल करें और इन हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें.
मां कात्यायनी मंत्र
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी

कात्यायनी माता की आरती (Katyayani Mata Ki Aarti)

जय जय अंबे, जय कात्यायनी
जय जगमाता, जग की महारानी

बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहां वरदाती नाम पुकारा

कई नाम हैं, कई धाम हैं
यह स्थान भी तो सुखधाम है

हर मंदिर में जोत तुम्हारी
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी

हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भक्त हैं कहते

कात्यायनी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की

झूठे मोह से छुड़ाने वाली
अपना नाम जपाने वाली

बृहस्पतिवार को पूजा करियो
ध्यान कात्यायनी का धरियो

हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी

जो भी मां को भक्त पुकारे
कात्यायनी सब कष्ट निवारे

जय जय अंबे, जय कात्यायनी
जय जगमाता, जग की महारानी


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