धर्म-अध्यात्म

आज पूजे जाएंगे सृष्टि के आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा

Subhi
17 Sep 2022 5:30 AM GMT
आज पूजे जाएंगे सृष्टि के आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा
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जगत के आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा शनिवार को घर-घर पूजे जाएंगे। इसके लिए जगह-जगह पंडाल का निर्माण किया गया है। कई लोग घरों व कल-कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाएगी। इस दिन वाहन, कल-कारखाने, संयंत्र, कल-पुर्जों आदि की पूजा करने का विधान है।

जगत के आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा शनिवार को घर-घर पूजे जाएंगे। इसके लिए जगह-जगह पंडाल का निर्माण किया गया है। कई लोग घरों व कल-कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाएगी। इस दिन वाहन, कल-कारखाने, संयंत्र, कल-पुर्जों आदि की पूजा करने का विधान है। इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा की पूजा की जाएगी। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा से कारोबार में कभी रुकावट नहीं आती। शुभ मुहूर्त में पूजा करने पर व्यक्ति को व्यवसाय में उन्नति और कुशलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

दो साल बाद हो रही है प्रतिमा स्थापित

दो साल के बाद पंडाल बना कर व प्रतिमा स्थापित कर भगवान विश्वकर्मा की पूजा हो रही है। शहर में धनबाद बस स्टैंड, स्टेशन परिसर, ऑटो, टैक्सी स्टैंड, बिजली सब स्टेशन हीरापुर, बिजली विभाग के वर्कशॉप व रेलवे के सभी विभागों में प्रतिमा स्थापित की गई है।

चलती ट्रेन में होती है विश्वकर्मा पूजा

धनबाद से खुलने वाली कोलफील्ड एक्सप्रेस में चलती ट्रेन में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। विश्वकर्मा पूजा के दिन कोलफील्ड एक्सप्रेस पूजा स्पेशल ट्रेन बन जाती है। पिछले नौ वर्षों से डेली पैसेंजर और रेल कर्मचारी मिल कर कोलफील्ड एक्सप्रेस में विश्वकर्मा पूजा कर रहे हैं। पहले डेली पैसेंजर के प्रतिनिधि चालक दल और गार्ड के साथ मिलकर इंजन की पूजा करेंगे। इसके बाद विधि-विधान से बोगी में स्थापित भगवान विश्वकर्मा की आराधना की जाएगी।

हावड़ा से लाई गई प्रतिमा, रातभर जागकर सजायी ट्रेन

धनबाद से हावड़ा के बीच नियमित यात्रा करने वाले डेली पैसेंजरों का समूह ट्रेन में विश्वकर्मा पूजा के प्रबंध करता है। हावड़ा से 16 सितंबर की रात लौटी कोलफील्ड एक्सप्रेस से भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा लाई गई। रातभर यार्ड में बोगी और ट्रेन को सजाया गया। शनिवार को जब ट्रेन यार्ड से प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आएगी तो ढोल-ताशे बजेंगे। मंत्रोच्चार के बीच ट्रेन में पूजा होगी और ट्रेन के हावड़ा पहुंचने से पहले सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा।


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