धर्म-अध्यात्म

दिवाली के दिन मां लक्ष्‍मी के साथ नहीं होती भगवान विष्णु की पूजा, जानिए क्‍यों

Renuka Sahu
27 Oct 2021 2:48 AM GMT
दिवाली के दिन मां लक्ष्‍मी के साथ नहीं होती भगवान विष्णु की पूजा, जानिए क्‍यों
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फाइल फोटो 

आमतौर पर भगवान शिव-देवी पार्वती और भगवान विष्‍णु-माता लक्ष्‍मी की पूजा अकेले नहीं की जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर भगवान शिव-देवी पार्वती (Shiva-Parvati) और भगवान विष्‍णु-माता लक्ष्‍मी (Lord Vishnu And Maa Laxmi) की पूजा (Puja) अकेले नहीं की जाती है. यदि शिव की पूजा हो रही है तो पार्वती जी को भी इसमें किसी न किसी रूप में शामिल किया जाता है. इसी तरह भगवान विष्‍णु या माता लक्ष्‍मी में से किसी एक की पूजा करते समय दूसरे की भी पूजा की जाती है. तभी पूजा का पूरा फल मिलता है. लेकिन दीपावली (Deepawali) के दिन माता लक्ष्‍मी (Mata Laxmi) के साथ भगवान विष्‍णु (Lord Vishnu) की पूजा नहीं की जाती है. क्‍या आपने कभी सोचा है कि इसकी क्‍या वजह है.

लक्ष्‍मी जी के साथ पूजे जाते हैं गणेश-सरस्‍वती
दिवाली पर धन की देवी मां लक्ष्‍मी के साथ भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा की जाती है. कुबेर देव की भी पूजा की जाती है, ताकि पूरे साल धन-समृद्धि, बुद्धि मिले. घर में शुभ मांगलिक कार्य हों और कोई संकट न आए. साल में केवल यही एक ऐसा मौका होता है जब लक्ष्‍मी जी के साथ उनके पति भगवान विष्‍णु की पूजा नहीं की जाती है. इसके पीछे धर्म-पुराणों में एक खास वजह बताई गई है.
...इसलिए नहीं पूजे जाते भगवान विष्‍णु
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के साथ कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन उनके साथ भगवान विष्‍णु की पूजा न करने के पीछे की वजह खास है. दरअसल, भगवान विष्‍णु चातुर्मास के दौरान निद्रालीन रहते हैं और दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी पर ही जागते हैं. चूंकि दिवाली चातुर्मास के दौरान पड़ती है लिहाजा उनकी निद्रा भंग न हो इसलिए दिवाली के दिन उनका आह्वान-पूजा नहीं की जाती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन जब भगवान विष्‍णु नींद से जागते हैं उस दिन देव दीपावली मनाई जाती है. इस दिन मंदिरों में खूब सजावट की जाती है और फूलों की रंगोलियां सजाई जाती हैं.


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