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कार्तिक मास में इन आसान उपाय से प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी
कार्तिक मास भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस महीने में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। कार्तिक मास पुण्य मास है। कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास में नियम का पालन करने से एक विधवा महिला देवी रुकमणी हुई थी और उन्हें देवी लक्ष्मी का स्थान प्राप्त हुआ था। कार्तिक मास का शास्त्रों में जो वर्णन है उसका गुणगान ही नहीं किया जा सकता है। इस महीने में भगवान विष्णु मत्स्य रूप में जल में वास करते हैं जबकि उनका वामन अवतार पाताल में निवास करता है। इसलिए गंगा तट पर लोग कल्पवास भी करते हैं। कहते हैं जो कल्पवास करते हैं उन्हें पुनर्जन्म में नहीं फंसते हैं।बता दें कि इस साल कार्तिक मास का आरंभ 10 अक्टूबर से हो रहा है। तो आइए जानते कार्तिक मास में किए जाने वाले सरल उपाय जिन्हें करने से मिलेगी
कार्तिक मास में दीपदान करें
इस माह में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, यमदेव और पीपल देव के समक्ष दीप जलाने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख शांति बनी रहती है। इसके अलावा जो लोग नदी में दीप प्रवाहित करते हैं तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नदी में जाकर स्नान करना
स्नान सूर्योदय के पहले स्नान करें नदी और तालाब के पास रहते हैं तो वहां जाकर करें अगर वहां नहीं जा सकते हैं तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इस में स्नान करना दूध के सामान स्नान करने के बराबर है।
लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ रहेगा उत्तम फलकारी
कार्तिक महीने में लक्ष्मी स्त्रोत, कनकधारा स्रोत अथवा विष्णु स्त्रोत का पाठ करना विशेष फलदायी माना गया है। ऐसा करने से देह त्याग के बाद उत्तम लोक में स्थान मिलता है और जब तक धरती पर रहते हैं समृद्धि और सुख प्राप्त होता है। कार्तिक नियमों का पालन करने वालें पुनर्जन्म लेते हैं तो उन्हें उत्तम कुल परिवार में स्थान मिलता है और सुख में जीवन जीते हैं।
तुलसी में दूध मिलाकर दें जल
कार्तिक मास में सुबह शाम तुलसी की जड़ में जल में दूध मिलाकर देना चाहिए और उसके आसपास सफाई करनी चाहिए। सुबह शाम घी का दीपक जलाएं। भगवान विष्णु को जो भी भोग लगाएं उसमें तुलसी का पत्ता जरूर रखें। इसके बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। साथ ही कार्तिक मास में देवप्रबोधनी एकादशी पर तुलसी विवाह करना भी बहुत उत्तम फलकारी रहता है।