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वैदिक काल से भगवान सूर्य की पूजा होती रही है,आइए जानते है सूर्य देव के परिवार के बारे में
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रविवार को सूर्यदेव की पूजा की जाती है. वैदिक काल से भगवान सूर्य की पूजा होती रही है. सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र बताया गया है. सूर्य को जीवन, स्वास्थ्य और शक्ति के देवता के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि सूर्यदेव की कृपा से ही पृथ्वी पर जीवन बरकरार है. ऋषि-मुनियों ने उदय होते हुए सूर्य को ज्ञान रूपी ईश्वर बताते हुए सूर्य की साधना-आराधना को अत्यंत कल्याणकारी बताया है. प्रत्यक्ष देवता सूर्य की उपासना शीघ्र ही फल देने वाली मानी जाती है. इनकी साधना स्वयं प्रभु श्री राम ने भी की थी. आपको बता दें कि भगवान श्रीराम के पूर्वज भी सूर्यवंशी थे. भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब भी सूर्य की उपासना करके अपना कुष्ठ रोग दूर कर पाए थे. सूर्य देव का परिवार काफी बड़ा है. उनकी संज्ञा और छाया नाम की दो पत्नियां और 10 संतानें हैं, जिसमें यमराज और शनिदेव जैसे पुत्र और यमुना जैसी बेटियां शामिल हैं. मनु स्मृति के रचयिता वैवस्वत मनु भी सूर्यपुत्र ही हैं.