धर्म-अध्यात्म

सावन मास की पूर्णिमा पर भगवान शिव का लक्ष्मीनारायण की कृपा और चंद्रदोष से मुक्ति पाने का जानिए उपाय

Admin4
12 Aug 2021 5:19 PM GMT
सावन मास की पूर्णिमा पर भगवान शिव का लक्ष्मीनारायण की कृपा और चंद्रदोष से मुक्ति पाने का जानिए उपाय
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चंद्रमा की पंद्रहवी कला को पूर्णिमा कहते हैं. सावन मास की पूर्णिमा यानी श्रावणी पूर्णिमा 21 अगस्त 2021 को 19:02 बजे से प्रारंभ होकर 22 अगस्त 2021 के दिन सायंकाल 17:33 बजे तक रहेगी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- चंद्रमा की पंद्रहवी कला को पूर्णिमा कहते हैं. सावन मास की पूर्णिमा यानी श्रावणी पूर्णिमा 21 अगस्त 2021 को 19:02 बजे से प्रारंभ होकर 22 अगस्त 2021 के दिन सायंकाल 17:33 बजे तक रहेगी. श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण आकृति में रहेगा. चूंकि यह सावन मास का अंतिम दिन होगा, ऐसे में यह शिव भक्तों के लिए अपने आराध्य को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने का बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण दिन होगा साथ ही साथ यह पावन तिथि भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की साधना-आराधना के लिए भी उत्तम रहेगी. इसी पावन तिथि पर विधि-विधान से जनेऊ बदलने का कार्य भी होता है, जिसे श्रावणी उपाकर्म कहते हैं. इस दिन पवित्र नदी तीर्थों पर स्नान एवं दान का बहुत महत्व होता है. इसी दिन भाई और बहनों के स्नेह से जुड़ा रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस पावन तिथि के महत्व और इससे जुड़े तमाम धार्मिक उपाय के बारे में –

शिव का करें रुद्राभिषेक
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष फल मिलता है. ऐसे में सावन मास के आखिर दिन आपको भगवान शिव को प्रसन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए. श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की साधना-आराधना एवं रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है.
लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय
सुख-समृद्धि के लिए सावन मास की पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करना न भूलें. इस पावन तिथि पर माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा के दौरान 11 पीली कौड़ी विशेष रूप से चढ़ाएं. इसके बाद दूसरे दिन सभी 11 कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या लॉकर में रख लें. इस उपाय को करने से आपकी आर्थिक दिक्कत दूर होगी आपके घर में हमेशा मां लक्ष्मी का वास बना रहेगा.
श्रावण मास में चंद्रमा की पूजा का फल
श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के मस्तक की शोभा बढ़ाने वाले चंद्रदेव का विशेष रूप से दर्शन करना चाहिए. इस दिन चंद्रदेव को दूध, गंगाजल और अक्षत मिलाकर अघ्र्य देने से जीवन में आ रही आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं. इस दिन चंद्रदेव की कृपा पाने के लिए उनके मंत्र 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः' अथवा 'ॐ सों सोमाय नमः' का जप विशेष रूप से करें.


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