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धर्म-अध्यात्म
विकट संकष्टी चतुर्थी पर इन लोगों पर बरसेगी भगवान गणेश की कृपा
Apurva Srivastav
7 April 2023 1:02 PM GMT
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भगवान गणेश की पूजा चतुर्थी के दिन अधिक महत्वपूर्ण होती है. महीने में दो पक्ष होते हैं जिसमें कृष्ण और शुक्ल पक्ष होते हैं. इन दोनों में एक-एक गणेश चतुर्थी होती जिनका अलग-अलग महत्व होता है. वैशाख मास की चतुर्थी पर रखे जाने वाले व्रत को ही विकट संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. इस साल ये व्रत 9 अप्रैल दिन रविवार को पड़ रहा है जिसमें विशेष पूजा करने से आप भगवान श्री गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. इस दिन इन 5 राशियों को लाभ होगा और विशेष कृपा भी मिलेगी. चलिए आपको इसकी डिटेल्स बताते हैं.
विकट संकष्टी चतुर्थी पर लगेगी भद्रा
वैशाख की विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत 9 अप्रैल दिन रविवार को रखा जाएगा. इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. इस दिन सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत रखते हैं और शाम में भगवान गणेश की पूजा करते हैं. वैशाख के महीने में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी के दिन भद्रा साया होने वाला है. भद्रा साये की शुरुआत 8 अप्रैल, 2023 की रात 9.56 मिनट से 9 अप्रैल 2023 की सुबह 9.35 पर खत्म होगा. भद्रा काल में मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए, शास्त्रों में इसकी मनाही है. हालांकि इसके होने से 3 राशियों के लिए अच्छा समय हो होगा.
मिथुन राशि: इस राशि के जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होगी. बस विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा भद्रा काल में ना करके उसके बाद करें. इससे आपको धन प्राप्ति होगी और आपका जीवन भी सुखमय होगा.
सिंह राशि: इस राशि के जातकों को थोड़ी मेहनत की जरूरत है. नया व्यापार सोच रहे हैं तो भगवान गणेश का नाम लेकर शुरू कर सकते हैं. अगर कार्यक्षेत्र में मेहनत की है तो उसका फल मिलने का यही सही समय है.
तुला राशि: इस राशि के जातकों पर भगवान गणेश की विशेष कृपा होती है. इन लोगों को इस काल के बाद से शुभ खबर सुनने को मिलेगी. नौकरी मिलने के आसार हैं और भाग्योदय होते नजर आ रहा है.
विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
भगवान गणेश से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए आपको विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधिवत करनी चाहिए. इसके लिए पूजा वाले दिन सुबह उठें, स्नान करें और साफ कपड़े धारण करें. इसके बाद एक चौकी पर लाल रंग के कपड़े को बिछाएं और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर रखकर उनका वंदन करें. गंगाजल से उनका अभिषेक करें, फल, फूल, चंदन, रोली, अक्षत, दीप, धूप और दुर्वा गणेश जी की प्रतिमा पर अर्पित करें. इसके बाद गणपति मंत्र, अथर्वशीर्ष का पाठ करें और फिर उनकी आरती करें. गणपति भगवान आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करेंगे.
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Apurva Srivastav
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