धर्म-अध्यात्म

Bhagwan Vishnu की कृपा के लिए सुने ये रोचक ​कथा

Tara Tandi
5 Dec 2024 9:43 AM GMT
Bhagwan Vishnu की कृपा के लिए सुने ये रोचक ​कथा
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Bhagwan Vishnu ज्योतिष न्यूज़ : जगत के पालनहार भगवान विष्णु को सृष्टि का रक्षक माना गया है मान्यता है कि भगवान विष्णु ने धरती और धर्म की रक्षा के लिए कुल दस अवतार लिए हैं। इन अवतारों को दशावतार के नाम से भी जाना जाता है जिसमें एक अवतार श्री हरि विठ्ठल का भी है जो विशेष तौर पर महाराष्ट्र और कर्नाटल में प्रसिद्ध है
यहां पर भगवान विट्ठल नाथ के कई मंदिर हैं जहां वे देवी रुक्मिणी के साथ विराजमान हैं भगवान विठ्ठल को अधिकतर लोग विठोबा के नाम से भी पूजते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि भगवान विष्णु को यह नाम कैसे और क्यों मिला और क्या है इसके पीछे की
रोचक कथा।
हरि विठ्ठल की रोचक कथा—
कथा के अनुसार, एक बार देवी रुक्मिणी, भगवान विष्णु से किसी बात पर नाराज होकर द्वारका से चली गई. जिसके बाद भगवान विष्णु उन्हें ढूंढते हुए दिंडी वन पहुंचे, जहां उन्हें देवी रुक्मिणी मिलीं और उनका क्रोध शांत हुआ. उसी समय वहां एक आश्रम में भगवान विष्णु का भक्त रहता था, जिसका नाम था पुंडलिक. वह अपने माता-पिता की बहुत सेवा करता था. भगवान विष्णु, पुंडलिक की भक्ति से प्रसन्न होकर, देवी रुक्मिणी के साथ उसके आश्रम गए. लेकिन तब पुंडलिक अपने माता-पिता की सेवा में व्यस्त था और ऐसे में जब श्रीहरि ने पुंडलिक से मिलने की बात कही तो पुंडलिक ने भगवान को थोड़ा इंतजार करने को कहा.
पुंडलिक ने भगवान विष्णु के पास एक ईंट फेंककर कहा कि वह उस पर खड़े रहें और इंतजार करें. जिसके बाद भगवान ने अपने भक्त की बात मानी और ईंट पर खड़े होकर उसका इंतजार करने लगे. साथ में देवी ररुक्मिणी भी ईंट पर ही खड़े होकर प्रतीक्षा करनी लगीं. माता-पिता की सेवा करने के बाद जब पुंडलिक उनके पास आया तो भगवान विष्णु ने उससे वरदान मांगने को कहा.
भगवान विष्णु ने जब पुंडलिक से वरदान मांगने को कहा तब पुंडलिक ने श्रीहरि से निवेदन किया कि वह यहीं रुक जाए. जिसके बाद भक्त की इस श्रद्धा को देख श्रीहरि उसी ईंट पर खड़े होकर, कमर पर हाथ रखकर, प्रसन्न मुद्रा में खड़े हो गए. कहा जाता है कि यह मुद्दा ही विठ्ठल अवतार कहलाई. क्योंकि ईंट को मराठी में विट कहते हैं तो ईंट ओर खड़े होने के कारण प्रभु का नाम विट्ठल पड़ा.
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