धर्म-अध्यात्म

आइए जानते हैं कि पौष अमावस्या कब है?

Kajal Dubey
25 Dec 2021 5:29 AM GMT
आइए जानते हैं कि पौष अमावस्या कब है?
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हिन्दू कैलेंडर के किसी भी माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू कैलेंडर (Panchang) के किसी भी माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है. इस समय पौष माह है, ऐसे में पौष माह की अमावस्या 15वीं तिथि को होगी. पौष अमावस्या के दिन नदी स्नान, दान (Snan Daan) आदि का महत्व होता है. इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं. पितृ दोष के कारण परिवार की सुख और शांति प्रभावित होती है. वंश वृद्धि में समस्याएं आने लगती हैं. इन सबसे मुक्ति के लिए अमावस्या का दिन उत्तम माना जाता है. आइए जानते हैं कि पौष अमावस्या कब है? इसकी तिथि कब से शुरु होगी?

पौष अमावस्या 2022 तिथि एवं मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमवास्या तिथि का प्रारंभ 02 जनवरी को तड़के 03 बजकर 41 ​मिनट पर हो रहा है, इसका समापन 02 जनवरी को ही देर रात 12 बजकर 02 मिनट पर होगा. ऐसे में अमावस्या तिथि सूर्योदय पूर्व ही 02 जनवरी से प्रारंभ हो रही है, इसलिए अमावस्या की उदयाति​थि 02 जनवरी को ही प्राप्त हो रही है. इस वजह से पौष अमावस्या 02 जनवरी 2022 दिन रविवार को है.
पौष अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 07 बजकर 14 मिनट से शाम 04 बजकर 23 मिनट तक है. इस दिन आप जो भी कार्य करेंगे, वह सफल और सिद्ध होगा.
पौष अमावस्या 2022 स्नान एवं दान
पौष अमावस्या के दिन आप प्रात:काल से ही नदी स्नान कर सकते हैं. इस दिन आप स्नान के बाद गरीबों को उनकी जरूरत की वस्तुएं दान करें. शास्त्रों में अमावस्या के दिन अन्न, वस्त्र, सोना और गाय का दान बताया गया है.
पौष अमावस्या पर पितरों की पूजा
पौष अमावस्या के दिन स्नान और दान के बाद पितरों का स्मरण करें. उनके लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि कर सकते हैं. आज के दिन पितरों को तृप्त करने के लिए ये सब किया जाता है, ताकि पितर खुश हों और आपको सुखी एवं समृद्ध जीवन का आशीर्वाद दें. ऐसा करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है. पितरों के लिए श्राद्ध कर्म दिन में 11:30 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे तक किया जाता है.


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