धर्म-अध्यात्म

आइए जानते हैं कि इस वर्ष चंपा षष्ठी कब है?

Kajal Dubey
7 Dec 2021 4:28 AM GMT
आइए जानते हैं कि इस वर्ष चंपा षष्ठी कब है?
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हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी का व्रत रखा जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंचांग के अनुसार, हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के मार्कंडेय स्वरूप और उनके ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय (Lord Kartikeya) की पूजा की जाती है. चंपा षष्ठी का व्रत महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में रखा जाता है. वहां पर चंपा षष्ठी के दिन भगवान शिव के खंडोबा स्वरुप की आराधना करते हैं. उनको किसानों का देवता कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर मास की षष्ठी तिथि को देवताओं के सेनापति कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष चंपा षष्ठी कब है, उसकी तिथि क्या है?

चंपा षष्ठी 2021 तिथि
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारंभ 08 दिसंबर दिन बुधवार को रात 09 बजकर 25 मिनट से होगा. षष्ठी तिथि का समापन अगले दिन 09 दिसंबर दिन गुरुवार को शाम 07 बजकर 53 मिनट पर होगा. ऐसे में चंपा षष्ठी व्रत 09 दिसंबर को रखा जाएगा क्योंकि उदयातिथि 09 दिसंबर को प्राप्त हो रही है.

चंपा षष्ठी को कहते हैं बैगन षष्ठी
चंपा षष्ठी के दिन भगवान शिव को पूजा में बैंगन और बाजरा का भोग लगाया जाता है, इसलिए चंपा षष्ठी को बैगन षष्ठी भी कहते है

इस वर्ष चंपा षष्ठी व्रत रवि योग में मनाया जाएगा. 09 दिसंबर को रवि योग सुबह 07 बजकर 02 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. इस दिन राहुकाल दोपहर 01 बजकर 31 मिनट से दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.

चंपा षष्ठी का दिन भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय जी के आशीर्वाद को प्राप्त करने का अच्छा अवसर है. आप इस दिन शिव जी को गंगाजल, गाय का दूध, शहद, बेलपत्र, भांग, धतूरा, बैंगन, बाजरा, फल आदि अर्पित करते हैं. इस अवसर पर अबीर अर्पित करना भी शुभ होता है. कार्तिकेय जी का चंपा के फल से पूजा करते हैं.


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