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धर्म-अध्यात्म
आइए जानते हैं आमलकी एकादशी की तिथि,पूजा मुहूर्त,पारण समय,और महत्व के बारे में
Kajal Dubey
2 March 2022 3:46 AM GMT
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फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. इसे आमली ग्यारस (Amli Gyaras) या आंवला एकादशी (Amla Ekadashi) भी कहा जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. आंवले के पेड़ को आदि वृक्ष कहते हैं क्योंकि इसमें सभी देवों का वास माना जाता है. ब्रह्मा जी की उत्पत्ति के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु ने आंवले के पेड़ की उत्पत्ति की थी. आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी की पूजा करते हैं. इस व्रत को करने से स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं आमलकी एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat), पारण समय (Parana Time) और महत्व (Importance) के बारे में.
आमलकी एकादशी 2022 तिथि एवं पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर शुरु हो रही है. यह तिथि अगले दिन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक मान्य है. ऐसे में उदयातिथि को ध्यान करते हुए आमलकी एकादशी व्रत 14 मार्च दिन सोमवार को रखा जाएगा.
आमलकी एकादशी को सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जो रात 10 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. आमलकी एकादशी के दिन पुष्य नक्षत्र भी रात 10 बजकर 08 मिनट तक है. इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है.
आमलकी एकादशी 2022 पारण समय
जो लोग आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखेंगे, वे 15 मार्च दिन मंगलवार को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 55 मिनट के बीच पारण करके व्रत को पूरा करेंगे. यह आमलकी एकादशी व्रत के पारण का मुहूर्त है. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर होना है.
आमलकी एकादशी का महत्व
भगवान श्रीहरि विष्णु ने बताया था कि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुष्य नक्षत्र में व्रत रखने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. उसे जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है. यह आमलकी एकादशी व्रत है.
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