धर्म-अध्यात्म

जानें रविवार के दिन किस तरह करें सूर्य देव की उपासना

Subhi
19 Jun 2022 4:26 AM GMT
जानें रविवार के दिन किस तरह करें सूर्य देव की उपासना
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हिंदू धर्म में सूर्य को देवता मान कर उनकी पूजा आराधना की जाती है. सप्ताह के सात दिनों में से रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित किया गया है. जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य प्रभावित होता है

हिंदू धर्म में सूर्य को देवता मान कर उनकी पूजा आराधना की जाती है. सप्ताह के सात दिनों में से रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित किया गया है. जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य प्रभावित होता है उसके जीवन में कई सारी परेशानियां आती हैं. इसके अलावा उन्हें अधिकतर क्षेत्रों में असफलता का सामना करना पड़ता है. वहीं यदि जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है तो उस व्यक्ति को हर क्षेत्र में मान सम्मान और सफलता प्राप्त होती है. भोपाल के रहने वाले पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष ने इस आर्टिकल के माध्यम से सूर्य उपासना के बारे में बताया है. साथ ही कहा है कि जीवन में सूर्य उपासना जरूर करना चाहिए.

ऐसे करें सूर्य देव की उपासना

हिंदू धर्म के प्रत्यक्ष देवता कहे जाने वाले सूर्य देव की उपासना हर जातक के लिए लाभकारी होती है. सूर्य देव की उपासना के लिए नियमित रूप से सुबह जल्दी उठें. इसके बाद स्नान करके उगते सूरज को अर्घ दें. अर्घ देने वाले जल में रोली, लाल फूल, अक्षत और मिश्री मिला कर अर्घ दें. इस दौरान ॐ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें. सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूर्व दिशा में मुख करके लाल आसन पर बैठ जाएं और सूर्य के मंत्र का 108 बार जाप करें.

ऐसे पड़ा आदित्य नाम

पंडित जी बताते हैं कि भगवान ब्रह्मा के मुख से सृष्टि के आरंभ में ओम शब्द की उत्पत्ति हुई थी. वही सूर्य का प्रारंभिक सूक्ष्म स्वरूप माना जाता था. इसके बाद ये तीन शब्द भू:, भुव और स्व शब्द की उत्पत्ति हुई. जो ओम में पिंड के रूप में विलीन हो गए. जिसके कारण सूर्य स्थूल रूप में आए. सृष्टि के शुरुआत में उत्पन्न होने की वजह से ही सूर्य को आदित्य नाम मिला. सूर्य देव साक्षात नारायण हैं.

सूर्य देव हनुमान जी के विद्या गुरु हैं

धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्य नारायण राम भक्त हनुमान के विद्या गुरु भी हैं.

सूर्य का शाब्दिक अर्थ

सूर्य का शाब्दिक अर्थ सर्व प्रेरक है. सूर्य देव सभी जगह प्रकाश देने वाले हैं. इसलिए इन्हें सभी का कल्याण करने वाला बताया गया है. ऋग्वेद के देवताओं में सूर्य देव का विशेष स्थान है. गायत्री मंत्र सूर्य पर ही बना है. सूर्योपनिषद में सूर्य को ही सारी सृष्टि की उत्पत्ति का एकमात्र कारण बताया गया है.


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