धर्म-अध्यात्म

जानें किस तरह हुई शंख की उत्पत्ति, क्या है खास

Khushboo Dhruw
14 March 2021 2:58 PM GMT
जानें किस तरह हुई शंख की उत्पत्ति, क्या है खास
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समुद्र मंथन में से निकले 14 रत्नों में से एक शंख भी है. सनातन परंपरा में होने वाली पूजा में शंख का अत्यधिक महत्व है

समुद्र मंथन में से निकले 14 रत्नों में से एक शंख भी है. सनातन परंपरा में होने वाली पूजा में शंख का अत्यधिक महत्व है. हिंदू धर्म में लगभग सभी देवी-देवताओं ने अपने हाथों में शंख धारण किया है. शंख को जैन, बौद्ध, शैव, वैष्णव आदि परंपराओं में अत्यंत शुभ माना गया है. भगवान विष्णु का तो ये अत्यंत प्रिय है. यही वजह है कि जहां कहीं भी भगवान श्री नारायण की पूजा होती है, वहां शंखनाद जरूर ही होता है.

इस तरह हुई शंख की उत्पत्ति

शंख हमारे जीवन से जुड़ी वो पवित्र वस्तु है जो उपासना से लेकर उपचार तक में काम आती है. इसे लेकर ऐसी मान्यता है कि शंख की उत्पत्ति भगवान विष्णु के भक्त दंभ के बेटे दानव से हुई थी. कहते हैं कि इसी शंखचूड़ की अस्थियों में विभिन्न प्रकार के शंखों का निर्माण हुआ था.
पूजा में क्यों जरूरी है शंख?
प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनि अपनी पूजा-साधना में शंख ध्वनि का प्रयोग करते रहे हैं. श्रीहरि का प्रिय वाद्य यंत्र किसी साधक की मनोकामना को पूर्ण करके उसके जीवन को सुखमय बनाता है. मान्यता है कि शंख बजाने से जहां तक उसकी ध्वनि जाती है, वहां तक की सभी बाधाएं, दोष आदि दूर हो जाते हैं. शंख से निकलने वाली ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती है.

कैसे करें शंख का पूजन?
घर में नया शंख लाने के बाद सबसे पहले उसे किसी साफ बर्तन में रख लें. फिर उसे अच्छी तरह से जल से साफ कर लें. इसके बाद उसे गाय के कच्चे दूध से स्नान कराएं. इसके बाद गंगाजल से स्नान कराएं. फिर शंख को साफ कपड़े से पोंछकर चंदन, पुष्प, धूप आदि से पूजन करें. इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से निवेदन करें कि वो इस शंख में निवास करें. शुभ फलों की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन पूजा करने से पहले इसी तरह शंख की पूजा करके ही बजाएं.

शंख के लाभ
शंख समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी के साथ ही उत्पन्न हुआ था. ऐसे में शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां पर माता लक्ष्मी का सदैव वास होता है. दक्षिणावर्ती शंख को देवता समान माना गया है. इसे पूजा घर में रखना और बजाना अत्यंत शुभ माना जाता है. शंख को हमेशा पूजा स्थान पर जल भरकर रखना चाहिए. शंख में जल भरकर घर में छिड़कने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है. घर में सुबह-शाम शंख बजाने से भूत-प्रेत की बाधा भी दूर होती है.


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