धर्म-अध्यात्म

अखंड द्वादशी पर जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
26 Dec 2020 2:52 AM GMT
अखंड द्वादशी पर जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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मार्गशीष मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अखण्ड द्वादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मार्गशीष मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अखण्ड द्वादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन व्यक्ति को सदाचार पवित्रता और शुद्ध आचरण का खास ध्यान रखना पड़ता है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को धन, धान्य व सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है।

अखंड द्वादशी व्रत का महत्व:

यह तिथि परम पूजनीय कल्याणकारी मानी गई है। इस तिथि पर पितृ तर्पण आदि क्रियाएं की जाती हैं। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन भी कराया जाता है। इस दिन ॐ नमो नारायणाय नमः आदि मंत्र का जाप भी किया जाता है। यह व्रत मनोवांछित फल देने वाला होता है। मान्यता है कि अगर इस व्रत को श्रद्धापूर्वक किया जाए तो व्यक्ति के पुत्र-पौत्र को धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

अखण्ड द्वादशी की पूजन विधि:

इस दिन सुबह सवेरे उठ जाएं और स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। फिर षोड़शोपचार विधि से लक्ष्मीनारायण भगवान की पूजा करें। व्रत कथा सुनें। भजन-कीर्तन करें। भगवान को भोग लगाएं। घर में सभी को प्रसाद वितरिकत करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और इसके बाद ही स्वयं भोजन ग्रहण करें। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष द्वादशी व्रत में भगवान नारायण की पूजा श्वेत वस्त्र धारण कर की जानी चाहिए। यह शुभदायक होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति मार्गशीर्ष माह में भगवान की पूजा करते हैं उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं।



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