धर्म-अध्यात्म

संकष्टी चतुर्थी पर जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
2 Dec 2020 3:38 AM GMT
संकष्टी चतुर्थी पर जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार, अगला संकष्टी चतुर्थी व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा जो कि 4 दिसंबर को है। इस व्रत को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। यह व्रत गणेश जी को समर्पित है। अगर आप भी संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने वाले हैं तो यहां हम आपको संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व बता रहे हैं। तो आइए जानें संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और महत्व।

संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त:

सर्वार्थ सिद्धि योग- 3 दिसंबर, गुरुवार दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से लेकर 04 दिसंबर, शुक्रवार सुबह 6 बजकर 59 मिनट तक।

चंद्रोदय का समय- शाम 7 बजकर 51 मिनट

संध्या पूजा- शाम 5 बजकर 24 मिनट से शाम 6 बजकर 45 मिनट तक।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व:

संकष्टी के दिन अगर गणेश जी की पूजा की जाए तो घर का नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाता है। साथ ही घर में शांति बनी रहती है। मान्यता है कि इस दौरान गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने पर घर में आ रही सारी विपदाएं दूर हो जाती हैं। इस दिन चंद्र दर्शन भी बेहद शुभ होता है। यह व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और चंद्र दर्शन पर ही समाप्त होता है। बता दें कि पूरी वर्ष में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं।



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