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| मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को सोमवती अमावस्या है। यह तिथि इस बार 14 दिसंबर, सोमवार को पड़ रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को सोमवती अमावस्या है। यह तिथि इस बार 14 दिसंबर, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन का महत्व हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन व्यक्ति अपने मृतक रिश्तेदारों की आत्मा की शांति के लिए पवित्र नदी में डुबकी लगाकर प्रार्थना करते हैं। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त और महत्व।
सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त:
अमावस्या तिथि आरंभ- 14 दिसंबर, सोमवार रात 12 बजकर 46 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त- 14 दिसंबर, सोमवार रात 9 बजकर 48 मिनट पर
सोमवती अमावस्या का महत्व:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण द्वारा राजा युधिष्ठिर को सोमवती अमावस्या का महत्व और प्रतिष्ठा के बारे में बताया गया था। कहा जाता है कि जो लोग सोमवती अमावस्या का व्रत करते हैं उन्हें दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। वहीं, जो लोग इस दिन पवित्र नदी में स्नान करते हैं या डुबकी लगाते हैं उन्हें अपने सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है। पीपल के पेड़ पर देवताओं का निवास माना जाता है। ऐसे में अगर सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाए तो व्यक्ति को सौभाग्या की प्राप्ति होती है। की पूजा-प्रार्थना करते हैं तो उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पति की लंबी उम्र के लिए भी यह व्रत किया जाता है। कुंवारी कन्याएं अगर यह व्रत करें उन्हें अच्छा जीवनसाथी मिलता है।
इस दिन मृत पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए भी पूजा की जाती है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी सोमवती अमावस्या का व्रत किया जा सकता है। इस दिन अगर व्यक्ति होमा, यज्ञ, दान, दान और पूजा अनुष्ठान करे तो उसकी सभी दुख समाप्त हो जाते हैं।
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