धर्म-अध्यात्म

आज बुद्ध पूर्णिमा पर जानें भगवान बुद्ध के 5 प्रमुख उपदेश

Tara Tandi
26 May 2021 8:09 AM GMT
आज बुद्ध पूर्णिमा पर जानें भगवान बुद्ध के 5 प्रमुख उपदेश
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आज 26 मई 2021 को बुद्ध जयंती है

जनता से रिश्ता वेबड़ेस्क | आज 26 मई 2021 को बुद्ध जयंती है। हर साल वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध जयंती का पर्व मनाया जाता है, इस पर्व को बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं। यह दिन बौद्ध धर्म के लोगों के साथ, सनातन धर्म को मानने वालों के लिए भी खास है। ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध श्री हरि विष्णु के 9वें अवतार थे। बुद्ध जयंती के दिन ही उनका निर्वाण दिवस भी मनाया जाता है।

बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बुद्ध पूर्णिमा का दिन बहुत खास होता है। बौद्ध अनुयायियों के लिए यह सबसे बड़ा पर्व होता है। इस दिन कई तरह के समारोह आयोजित किए जाते हैं। बौद्ध धर्म को मानने वाले कई देशों में वहां के रीति-रिवाज और संस्कृति के अनुरूप समारोह आयोजित किए जाते हैं। आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर जागरण आध्यात्म में आप भगवान बुद्ध के कुछ प्रमुख उपदेशों के बारे में जानेंगे, जिनका अनुसरण करके आप अपने जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव कर सकते हैं।
भगवान बुद्ध के प्रमुख उपदेश
1. वर्तमान का रखो ध्यान
अपने उपदेशों में भगवान बुद्ध ने जो प्रमुख बातों बताई हैं, उनमें एक यह है कि मनुष्य को कभी भी अपने बीते हुए कल में नहीं उलझना चाहिए और ना ही भविष्य के सपने बुनने चाहिए। मनुष्य को अपने वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए।
2. क्रोध से है सिर्फ नुकसान
भगवान बुद्ध ने अपने उपदेशों में बताया है कि क्रोध से किसी और का नहीं, बल्कि स्वयं मनुष्य का ही नुकसान होता है। क्रोधित होने का अर्थ है कि जलता हुआ कोयला हाथ में लेकर किसी और पर फेंकना, जो सबसे पहले खुद आपको ही जलाएगा।
3. हजार जीत से स्वयं पर विजय है जरूरी
बुद्ध भगवान ने सबसे बड़ी बात ही थी कि मनुष्य को किसी भी युद्ध में जीत हासिल करने से पहले खुद पर विजय हासिल करनी चाहिए। जब तक मनुष्य ऐसा नहीं करता है, तब तक सारी जीत व्यर्थ ही मानी जाएंगी।
4. सुखद संघर्ष है मूलमंत्र
महात्मा बुद्ध ने अपने उपदेश में ये भी बताया है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने वाली यात्रा बहुत जरूरी होती है। मनुष्य को अपना लक्ष्य मिले या न मिले, लेकिन लक्ष्य प्राप्ति के लिए की जाने वाली यात्रा अच्छी होना चाहिए। इसका अनुभव जीवन भर हमारे साथ रहता है।
5.बांटने से कम नहीं होती खुशियां
भगवान बुद्ध कहते हैं कि खुशी उस रोशनी के समान है, जिसे आप जितना दूसरों को देंगे, वो उतना ही और बढ़ेगी। जैसे कि एक जलता हुआ दीप, हजार दीप जलाकर रोशनी फैला सकता है, लेकिन इससे उसकी रोशनी पर कोई प्रभाव नहीं होगा, वैसे ही खुशियां बांटने से बढ़ती हैं।


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