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last pradosh : आखिरी प्रदोष पर ऐसे करें शिव पूजा, नव वर्ष होगा खुशहाल
last pradosh : सनातन धर्म में शिव पूजा को समर्पित वैसे तो कई व्रत हैं लेकिन प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह के में दो बार पड़ता है। पंचांग के अनुसार अभी मर्गाशीर्ष मास चल रहा है और इस साल का आखिरी प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि पर किया …
last pradosh : सनातन धर्म में शिव पूजा को समर्पित वैसे तो कई व्रत हैं लेकिन प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह के में दो बार पड़ता है। पंचांग के अनुसार अभी मर्गाशीर्ष मास चल रहा है और इस साल का आखिरी प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि पर किया जाएगा। यह तिथि शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है इस दिन भक्त उपवास आदि रखते हुए भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करते हैं इस साल का आखिरी प्रदोष व्रत 24 दिसंबर दिन रविवार को किया जाएगा। कहते हैं कि साल के आखिरी प्रदोष पर अगर शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो आने वाला साल खुशहाल रहता है तो आज हम आपको शिव पूजा से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
शिव पूजन की संपूर्ण विधि—
आपको बता दें कि प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पूरे घर की साफ सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करें। अब व्रत पूजन का संकल्प करें और घर के मंदिर में दीपक जलाएं। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है ऐसे में इस दौरान भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें।
इसके बाद शिव को बेलपत्र, शमी के पुष्प, धतूरा अर्पित करें शिव जी के साथ माता पार्वती और श्री गणेश की भी विधिवत पूजा करें। शिव को दही और घी का भोग लगाएं। इस दिन शिव मंत्रों का जाप जरूर करें अंत में शिव परिवार की आरती करें और सभी को प्रसाद बांटे। माना जाता है कि इस विधि से शिव पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।