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Lalita panchami vrat 2021: कल नवरात्रि की पंचमी तिथि को ललिता पंचमी व्रत, जानिए महत्व व व्रत पूजा विधि

Kunti Dhruw
9 Oct 2021 3:08 PM GMT
Lalita panchami vrat 2021: कल नवरात्रि की पंचमी तिथि को ललिता पंचमी व्रत, जानिए महत्व व व्रत पूजा विधि
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प्रत्येक वर्ष ललिता पंचमी का व्रत अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि को किया जाता है।

प्रत्येक वर्ष ललिता पंचमी का व्रत अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि को किया जाता है। नवरात्रि की पंचमी तिथि को स्कंदमाता के साथ ही मां ललिता का पूजन भी किया जाता है। ललिता पंचमी को उपांग ललिता व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस बार ललिता पंचमी व्रत 10 अक्टूबर 2021 दिन रविवार को किया जाएगा। विशेष रुप से यह व्रत गुजरात व महाराष्ट्र में किया जाता है। इस दिन व्रत व मां ललिता का पूजन करना अत्यंत शुभ व मंगलकारी माना जाता है। मां ललिता माता सती का ही एक रुप हैं जिन्हें त्रिपुर सुंदरी या फिर षोडसी के रुप में भी जाना जाता है। ये मां की दस महाविद्याओं में से एक हैं। तो चलिए जानते हैं ललिता पंचमी का महत्व, शुभ मुहूर्त व व्रत पूजा विधि।

ललिता पंचमी महत्व व पौराणिक कथा-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ललिता पंचमी का व्रत करने से मां ललिता प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब देवी सती ने अपने पिता के द्वारा अपमान किए जाने पर यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी तब भगवान शिव दुख के कारण उनकी देह को लेकर इधर-उधर घूमने लगते हैं जिससे सारी सृष्टि का संतुलन बिगड़ने लगता है। तब भगवान शिव का मोह भंग करने हेतु भगवान विष्णु अपने चक्र से सती के देह को विभाजित कर देते हैं। तब भगवान शंकर उन्हें अपने हृदय में धारण करते हैं। शिव जी के हृदय में धारण करने के कारण ये ललिता कहलाई। ललिता पंचमी का व्रत समस्त सुखों को प्रदान करने वाला माना गया है।
ललित पंचमी तिथि, मुहूर्त-
इस बार ललिता पंचमी का व्रत 10 अक्टूबर 2021 को यानी कल किया जाएगा।
पंचमी तिथि आरंभ- 10 अक्टूबर 2021 को प्रातः 04 बजकर 55 मिनट से
पंचमी तिथि समाप्त- 11 अक्टूबर 2021 को प्रातः तड़के 02 बजकर 14 मिनट पर
पूजन सामाग्री- कुमकुम, अक्षत, हल्दी, चंदन, अबीर, गुलाल, दीपक, घी, इत्र, पुष्प, दूध, जल, फल, मेवा, मौली, आसन, तांबे का लोटा, नारियल, इत्यादि चीजों को एकत्रित करके रख लें।

ललिता पंचमी पूजन विधि-
प्रातः उठकर स्नानादि करने के पश्चात माता रानी का पूजन आरंभ करें।
इस दिन मां ललिता के साथ स्कंदमाता व भगवान शिव की पूजा भी की जाती है।
माता रानी के समक्ष धूप-दीप प्रज्वलित करें।
मां ललिता व सभी देवों का तिलक करें और विधिवत सभी चीजों को अर्पित करते हुए पूजन करें।
मां को मिष्ठान आदि का भोग अर्पित करें और आरती करें।
इस दिन ललिता सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत शुभकारी रहता है।
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