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जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें दिवाली भी एक है वही अभी कुछ दिनों पहले दिवाली का पर्व देशभर में धूमधाम के साथ मनाया गया है वही दिवाली के बाद लाभ पंचमी का पर्व विशेष तौर पर मनाया जाता है पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ, ज्ञान और सौभाग्य पंचमी के नाम से जाना जाता है
इस दिन भगवान शिव के पूरे परिवार और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान होता है इस पर्व को विशेष तौर पर गुजरात में धूमधाम के साथ मनाया जाता है लाभ पंचमी पर कारोबारी लोग नए बही खातों की पूजा करते हैं और लक्ष्मी जी से कारोबार में वृद्धि की कामना भी करते हैं इस साल लाभ पंचमी के दिन बेहद शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है तो आज हम आपको इस पर्व के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 13 मिनट से आरंभ हो रही है और अगले दिन 30 अक्टूबर 2022 को सुबह 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगी ऐसे में उदयातिथि के अनुसार लाभ पंचमी का त्योहार आज यानी 29 अक्टूबर को ही मनाया जा रहा है।
जानिए पूजन की विधि—
आपको बता दें कि आज लाभ पंचमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद लाल वस्त्र धारण करके सूर्यदेव को जल अर्पित करें शुभ मुहूर्त में शिव, श्री गणेश जी को चंदन, पुष्प, अक्षत, मौली से पूजा करें श्री गणेश के दूर्वा और सिंदूर, मोदक अर्पित करें एक पूजा की सुपारी पर कलावा लपेटें और इसे श्री गणेश का प्रतीक रूप मानकर पूजा करें शिव जी को भस्म, धतूरा अर्पित करें अगर कोई दिवाली पर नए बही खातों की पूजा न कर पाए तो इस दिन भी करना लाभकारी माना जाता है।
फिर देवी मां लक्ष्मी को इत्र, कमल पुष्प, सफेद मिठाई अर्पित कर ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा मंत्रों का जाप करें सुख सौभाग्य और मंगल कामन को लेकर किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण कर देता है इस दिन व्रत पूजन करने से कारोबार में तरक्की मिलती है और धन में भी वृद्धि होती है।
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