धर्म-अध्यात्म

इस्कॉन बेंगलुरु में तीन दिन मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी

Manish Sahu
5 Sep 2023 2:29 PM GMT
इस्कॉन बेंगलुरु में तीन दिन मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी
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धर्म अध्यात्म: जन्माष्टमी एक पवित्र त्योहार है, जिसे भगवान कृष्ण के भक्तों द्वारा पूरे देश और दुनिया भर में अत्यंत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह अन्य कई नामों जैसे गोकुलाष्टमी, श्रीकृष्ण जयंती, कृष्णाष्टमी और कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. यह शुभ दिन भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है.
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष यह त्योहार बुधवार, 6 सितंबर को मनाया जाएगा. इसके अगले दिन गुरुवार, 7 सितंबर को दही हांडी का उत्सव मनाया जाएगा. हालांकि, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन), बेंगलुरु जन्माष्टमी के इस त्यौहार को तीन दिनों तक मनाएगा.
इस्कॉन बेंगलुरु 6 सितंबर से 8 सितंबर तक कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है. यह उत्सव हरे कृष्णा हिल के राजाजीनगर और वैकुंठ हिल के वसंतपुरा में होने वाला है. इस कार्यक्रम का विशेष उत्सव 7 और 8 सितंबर, 2023 को व्हाइटफील्ड में कर्नाटक व्यापार संवर्धन संगठन (केटीपीओ) सम्मेलन हॉल में आयोजित किया जाएगा. केटीपीओ में आयोजित होने वाले इस समारोह को आनंद महोत्सव का नाम दिया गया है.
हर साल, लगभग 1.5 लाख भक्त जन्माष्टमी के इस वार्षिक उत्सव में शामिल होते हैं. मंदिर प्रबंधन द्वारा जारी सूचना के अनुसार, इन वार्षिक उत्सव में लगभग 1.5 लाख भक्त भाग लेते हैं. इतना ही नहीं, तीन दिवसीय कार्यक्रम में 15 से अधिक गेटेड समुदायों और 30 स्कूलों के प्रतिभागी और स्वयंसेवक शामिल होंगे. यह कार्यक्रम कला, संगीत और विरासत उत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक प्रदर्शन की मेजबानी करेगा.
रिपोर्ट के अनुसार, भगवान कृष्ण को समर्पित इस संगीत कार्यक्रम में भजन सम्राट और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, अनूप जलोटा अपनी गर्मजोशी भरी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे. इसके अलावा इस कार्यक्रम के अन्तर्गत एक सात्विक फूड फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा, जिसे कथित तौर पर प्रसिद्ध शेफ, आदित्य फतेहपुरिया और निमिश भाटी द्वारा संचालित किया जा रहा है. इस्कॉन बेंगलुरु के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री चंचलापति दासा ने कहा कि हमारे मंदिर जन्माष्टमी की आध्यात्मिक भावना का प्रचार प्रसार कर रहे हैं. जन्माष्टमी का यह अवसर लोगों को अपने व्यस्त जीवन से छुट्टी लेने और आनंद लेने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा.
कृष्ण भक्तों द्वारा इस वर्ष भगवान कृष्ण की 5250वीं जयंती मानी जा रही है. कई राज्यों में इस शुभ और वार्षिक अवसर को मनाने लिए कृष्ण के अनुयायी भगवान की पूजा करते हैं और बाद में दही हांडी का आयोजन करते हैं, जिसे मटकी फोड़ प्रतियोगिता भी कहा जाता है, जहां एक निश्चित ऊंचाई पर हवा में लटकाए गए मिट्टी के बर्तन को तोड़ने के लिए एकत्रित लोगों द्वारा एक मानव पिरामिड बनाया जाता है। इस मिटटी के पात्र में दूध, दही, मक्खन, फल, पानी जैसी सामग्रियां भरी होती हैं. इस दही हांड़ी कार्यक्रम के द्वारा भक्त भगवान कृष्ण के बचपन में उनके मक्खन चुराने के शरारती तरीकों की एक झांकी प्रस्तुत करते हैं.
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