धर्म-अध्यात्म

गण से जानें अपना स्‍वभाव! देव गण को माना गया है सर्वश्रेष्‍ठ, राक्षस गण वालों में भी होती हैं खासियतें

Tulsi Rao
9 March 2022 9:43 AM GMT
गण से जानें अपना स्‍वभाव! देव गण को माना गया है सर्वश्रेष्‍ठ, राक्षस गण वालों में भी होती हैं खासियतें
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लेकिन तीनों ही गणों की अपनी खूबियां हैं. आज गण के मुताबिक व्‍यक्ति में पाई जाने वाली खूबियों के बारे में जानते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्‍योतिष शास्‍त्र में हर व्‍यक्ति के 3 गणों के बारे में भी बताया गया है. ये गण हैं, देव गण, मानव गण और राक्षस गण. आमतौर पर राक्षस गण सुनते ही लोगों की राय बुरी आदतों वाले इंसान की बन जाती है. जबकि ऐसा नहीं है. हालांकि तीन गणों में देव गण को सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है. लेकिन तीनों ही गणों की अपनी खूबियां हैं. आज गण के मुताबिक व्‍यक्ति में पाई जाने वाली खूबियों के बारे में जानते हैं.

देव गण: देव गण के लोगों को ज्‍योतिष शास्‍त्र में सबसे अच्छा माना गया है. जैसे कि नाम से ही पता चलता है इनमें कुछ गुण देवताओं की तरह होते हैं. ये लोग अच्‍छा आचरण करने वाले, ईमानदार, चरित्रवान, संस्‍कारी, कोमल हृदय वाले दयालु, बुद्धिमान और बहुत सकारात्‍मक होते हैं. ये लोग धर्म करने के साथ-साथ दान करने में और दूसरों की मदद करने में बहुत भरोसा करते हैं.
मानव गण: मानव गण में जन्‍मे लोग कर्मठ होते हैं. वे अपनी मेहनत से धनवान बनते हैं और सम्‍मान पाते हैं. ये लोग काफी संभलकर चलते हैं.
राक्षस गण: राक्षस गण के लोगों में एक बुराई जरूर होती है कि वे खासे नकारात्‍मक होते हैं. लेकिन वे कोशिश करें तो खुद को बाद में सकारात्‍मक कर सकते हैं. हालांकि इनमें खासियत होती है कि वे नकारात्‍मक चीजों, घटनाओं को जल्‍दी भांप लेते हैं. ये लोग निडर, साहसी और हर स्थिति का डटकर मुकाबला करते हैं. लेकिन वे कड़वा बोलते हैं.
ज्‍योतिष के मुताबिक देव गण और राक्षस गण के लोगों को आपस में विवाह नहीं करना चाहिए क्‍योंकि इनके स्‍वभाव में खासा अंतर होने के कारण इनकी जम नहीं पाती है. देव गण के जातकों के लिए मनुष्‍य गण वाला लाइफ पार्टनर उत्‍तम रहता है. वहीं मनुष्‍य गण के जातक देव और राक्षस दोनों ही गण के जातकों से विवाह कर सकते हैं.


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