धर्म-अध्यात्म

जानिए योगिनी एकादशी व्रत और पूजा विधि

Tara Tandi
21 Jun 2022 7:13 AM GMT
जानिए योगिनी एकादशी व्रत और पूजा विधि
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आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) व्रत रखने का विधान है. इस साल योगिनी एकादशी व्रत 24 जून को है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) व्रत रखने का विधान है. इस साल योगिनी एकादशी व्रत 24 जून को है. आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ 23 जून को रात 09:41 बजे से होकर 24 जून को रात 11:12 बजे तक है. योगिनी एकादशी व्रत के दिन साध्य योग और शुभ योग बन रहा है. जो लोग व्रत रहेंगे, वे व्रत का पारण 25 जून शनिवार को प्रात: 05:41 बजे से प्रात: 08:12 बजे के बीच कर सकते हैं. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं योगिनी एकादशी व्रत और पूजा विधि के बारे में.

योगिनी एकादशी व्रत और पूजा विधि
1. योगिनी एकादशी व्रत से एक दिन पूर्व सात्विक भोजन करें. मांस, मदिरा, धूम्रपान आदि का त्याग कर दें.
2. फिर 24 जून को प्रात: स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें. पूजा स्थान की साफ सफाई करें.
3. अब आप हाथ में अक्षत्, जल और फूल लेकर योगिनी एकादशी व्रत और पूजा का संकल्प लें.
4. शुभ पूजा मुहूर्त में आप भगवान श्री विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को एक चौकी पर स्थापित कर दें. फिर उनको पंचामृत स्नान कराएं.
5. इसके पश्चात श्रीहरि का श्रृंगार करें. उनको वस्त्र, पीले फूल, फल, माला, चंदन, धूप, दीप, अक्षत्, शक्कर, हल्दी, तुलसी के पत्ते, पान का पत्ता, सुपारी आदि अर्पित करें.
6. इस दौरान आप ओम भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करते रहें. फिर विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम आदि का पाठ करें. योगिनी एकादशी व्रत कथा सुनें या पढ़ें.
7. पूजा के अंत में घी के दीपक या कपूर से भगवान विष्णु की विधिपूर्वक आरती करें. भगवान विष्णु से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
8. दिनभर फलाहार पर व्यतीत करें. भक्ति भजन करें. शाम को श्रीहरि की आरती करें. रात्रि के समय में जागरण करें.
9. अगले दिन प्रात: स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. किसी ब्राह्मण को अन्न, वस्त्र, फल का दान और दक्षिणा दें.
10. इसके पश्चात योगिनी एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के पश्चात शुभ समय में करें. इस प्रकार से योगिनी एकादशी व्रत करें. आप पर भगवान विष्णु की कृपा होगी.
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