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सावन के माह (Sawan Month) में भगवान शिव (Lord Shiva) की आराधना से हर मनोकामना की पूर्ति होती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन के माह (Sawan Month) में भगवान शिव (Lord Shiva) की आराधना से हर मनोकामना की पूर्ति होती है. शिव जी जितने भोले हैं, उनते ही रहस्यमयी भी हैं. इनका स्वरूप, इनके प्रतीक और गण सब शिवमय हैं. भगवान शिव के सबसे प्रिय गण नंदी हैं. उन पर ही महादेव सवारी करते हैं. जो लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं, वे नंदी को भी प्रणाम करते हैं और उनके कानों में अपनी फरियाद कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि नंदी जी से आप जो भी अपनी मनोकामनाएं कहते हैं, वे सब भगवान शिव तक पहुंचाते हैं. शिव कृपा से वह मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
बाबा बैजनाथ की नगरी देवघर में बैद्यनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी जी विराजमान हैं और उनके ठीक बगल में है मंदिर का गर्भ गृह. यहां पर छोटे और बड़े चार नंदी बाबा हैं. कहा जाता है कि हर शिव मंदिर के मुख्यद्वार पर नंदी विराजमान होते हैं, इसलिए ये शिव जी के द्वारपाल कहलाते हैं.
नंदी पर शिव की विशेष कृपा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सतयुग में भगवान भोलेनाथ ने नंदी से कहा था कि जब वे ध्यान और तपस्या में लीन रहें, तब कोई भी भक्त अपने मन की व्यथा और मनोकामनाएं तुम्हारे कान में कहेगा, वह सभी बातें मुझ तक पहुंच जाएंगी. यह भी कहते हैं कि भगवान शिव जब साधनारत रहते थे, तो माता पार्वती भी अपनी बातें नंदी के कानों में कहती थीं.
'नंदी हैं भगवान भोलेनाथ के पीए'
तब से यह मान्यता है कि आप जो भी मनोकामनाएं नंदी के कान में कहेंगे, वह आपके आराध्य भगवान भोलेनाथ तक पहुंच जाएंगी. देवघर के शिव मंदिर में भी नंदी के कान में बोलने वालों का तांता लगा रहता है. मंदिर के पुजारी कहते हैं कि नंदी बाबा भोले के पीए हैं. भोलेनाथ तक अपनी अर्जी पहुंचानी हो, तो नंदी से बेहतर कोई विकल्प नहीं है.
ऐसे में याद आते हैं नंदी
श्रावण माह में देवघर में मेला लगता है और शिव भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि भक्त अपने आराध्य भगवान शिव के दर्शन ठीक से नहीं कर पाते. तब वे याद करते हैं महादेव के प्रिय नंदी जी को. नंदी जी से वे अपनी बातें कहते हैं और इस उम्मीद से अपने घर जाते हैं कि शिव कृपा से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
Tara Tandi
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