धर्म-अध्यात्म

जानिए शिवलिंग पर क्यों नहीं चढ़ाते हैं हल्दी

Tara Tandi
6 Jun 2022 7:40 AM GMT
Know why turmeric is not offered on Shivling
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भारत में भगवान शिव को पूजने वाले भक्तों की लम्बी कतार है. अलग-अलग राज्यों में भगवान शिव की पूजा अलग-अलग तरीके से की जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में भगवान शिव को पूजने वाले भक्तों की लम्बी कतार है. अलग-अलग राज्यों में भगवान शिव की पूजा अलग-अलग तरीके से की जाती है. भगवान शंकर अपने भक्तों की थोड़ी सी भक्ति पर ही प्रसन्न हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती. हमारे देश में भोलेनाथ के भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, धतूरा, आक, दूध, जल, शहद अर्पित करते हैं लेकिन एक चीज जो सभी शिवालयों में सामान्य है वह है हल्दी. भारतवर्ष ही नहीं बल्कि सारी पृथ्वी पर जहां पर भी भगवान भोलेनाथ विराजते हैं वहां शिवलिंग पर कभी भी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती.

शिवलिंग पर क्यों नहीं चढ़ाते हल्दी?
-ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग भगवान शिव की शक्ति का प्रतीक है और हल्दी स्त्रियोचित यानी स्त्रियों से संबंधित माना जाती है. इसलिए भगवान शिव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती. भोलेनाथ के अलावा अन्य सभी देवी-देवताओं की पूजा में हल्दी अर्पित की जाती है. इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि शिवलिंग दो भागों से मिलकर बना होता है. एक भाग शिवलिंग होता है और दूसरा भाग जलाधारी माता पार्वती का प्रतीक है इसलिए जलाधारी पर हल्दी चढ़ाई जा सकती है.
-पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग को भगवान शिव की शक्ति का प्रतीक माना गया है और हल्दी की तासीर गर्म होने के कारण इसे शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना जाता है. इसलिए शिवलिंग पर ठंडी वस्तुएं जैसे बेलपत्र, भांग, गंगाजल, चंदन, कच्चा दूध चढ़ाया जाता है.
-पौराणिक ग्रंथों की माने तो भगवान शिव की पूजन में हल्दी के अलावा और भी कुछ वस्तुएं हैं. जिनका इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है. जैसे सिंदूर, तुलसी की पत्तियां, शंख का इस्तेमाल भगवान शिव की पूजा में नहीं होता. भगवान शिव को सिंदूर इसलिए नहीं चढ़ाया जाता क्योंकि सिंदूर महिलाओं के सुहाग का प्रतीक होता है और भगवान शिव बैरागी माने जाते हैं.
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