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धर्म-अध्यात्म
जानिए ऐसा क्यूं है उत्तराखंड का एकमात्र शिव मंदिर, जहां भक्त नहीं करते है दा
Manish Sahu
23 July 2023 1:38 PM GMT
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धर्म अध्यात्म: उत्तराखंड को देवभूमि ऐसे ही नहीं कहा जाता है। यहां कदम-कदम पर भगवान के ऐसे चमत्कारी मंदिर स्थित है, जिनके चमत्कार जगजाहिर है। इन्हीं मंदिरों में से एक है शिवजी का प्रसिद्ध प्रकाशेश्वर मंदिर। इस मंदिर की खासियत यह है कि इसमें चढ़ावा यानी दान देने या चढ़ाना सख्त मना है। यह मंदिर हरी-भरी पहाड़ियों के बीच सड़क के किनारे मसूरी देहरादून मार्ग पर स्थित है। उत्तराखंड से लेकर पूरी भारत में कई शिव मंदिर हैं, लेकिन यह शिवमंदिर विशेष है इस मंदिर में हिंदू त्योहार शिवरात्रि और सावन के महीनों में भक्तों का तांता लगा रहता हैं।जानें इस साल कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी, श्रीकृष्ण के आशीर्वाद के लिए इस मुहूर्त में करें पूजन दान देना मना है इस मंदिर में उत्तराखण्ड में प्रसिद्ध शिव मंदिर में एक श्री प्रकाशेश्वर महादेव उन कुछ मंदिरों में से एक है जो किसी भी प्रकार के चढावां - भेंट, दान को स्वीकार नहीं करते हैं, यहां तक कि गुप्त दान भी स्वीकार नहीं किए जाते हैं। ये ही वजह है कि इस मंदिर के बाहर आपको प्रसाद या फूलों की दुकान नहीं दिखाई देती है, ताकि यहां कोई किसी भी तरह का चढ़ावा न चढ़ा सकें। स्फटिक शिवलिंग मुख्य आकर्षण इस मंदिर का मुख्य आकर्षण हैं यहां स्थापित शिवलिंग, जो दुर्लभ पत्थरों और स्फटिक के बने हुए हैं। स्फटिक एक प्रकार का बर्फ का पत्थर है, जो लाखों वर्ष बर्फ में दबे होने से बनता है। यह दिखने पारदर्शी और कठोर होता है। मंदिर के ऊपर लगभग 150 त्रिशूल बने हुए हैं, यह भी आकर्षण का केंद्र है। क्या अधिक मास में पड़ने वाले सावन सोमवार के व्रत मान्य होंगे प्रेम भाव का प्रतिबिंब है ये मंदिर पौराणिक 'शिव महापुराण' में उल्लेख है कि भगवान शिव जी को धतूरे के फूल, हरसिंगार व नागकेसर के सफेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, कनेर, कुसुम, आक, कुश आदि के फूल अतिप्रिय हैं। कहने का मतलब भगवान धन, ऐश्वर्य, छप्पन भोग आदि के नहीं, बल्कि प्रेम भाव के भूखे हैं। जो भी भक्त भगवान की प्रेम भाव और सद्भावना के साथ भक्ति में लग जाता है उन्हें ही भगवान के दर्शन प्राप्त हुए है। देहरादून में पहाड़ी की रानी मसूरी रोड पर स्थित श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर भी इसी भाव का प्रतिबिंब है। अधिकमास में पड़ेगी पद्मिनी एकादशी, जानें संतान प्राप्ति के लिए कब रखा जाएगा व्रत प्रसाद भी होता है खास यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है देहरादून-मसूरी मार्ग पर स्थित इस मंदिर में चढ़ावा न चढ़ाने की शर्त पर भगवान शिव के दर्शन होते हैं। इस मंदिर की एक विशेषता है, कि यहां परोसा जाने वाल प्रसाद कड़ी चावल, दलिया या चाय आदि के रूप में दिया जाता है। यह शिव मंदिर, देहरादून के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। मंदिर के पीछे आप मालसी हिरण पार्क और मालसी आरक्षित वन क्षेत्र के हरे-भरे जंगल देख सकते हैं।
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