धर्म-अध्यात्म

जानिए रात्रि के समय क्यों निकाली जाती है किन्नरों की शव यात्रा…

HARRY
7 Jun 2023 6:28 PM GMT
जानिए रात्रि के समय क्यों निकाली जाती है किन्नरों की शव यात्रा…
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किन्नरों के शव यात्रा में भी छुपे हैं कई राज।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | किन्नरों को तो हम सब ने देखा है। हम ये भी जानते हैं कि इनकी जिंदगी हमारी तरह सामान्य नहीं होती। इनके जीवन जीने के तरीके, रहन-सहन सब कुछ अलग होता है। हमारे समाज में इन्हें तीसरे लिंग यानी कि थर्ड जेंडर का दर्जा दिया गया है। इनका अपना एक अलग समाज होता है और यह लोग उसी समाज में रहते हैं। जैसे हर समाज के अपने अलग-अलग रीति-रिवाज होते हैं, वैसे ही किन्नरों के समाज में भी उनका अपना रिवाज है। जन्म से लेकर मरने तक इनके अलग-अलग नियम है। कभी आपने किसी किन्नर की शव यात्रा देखी है, नहीं ना। ऐसा क्यों है यह हम आपको बताते हैं। किन्नरों के शव यात्रा में भी छुपे हैं कई राज।
रात में किन्नरों की शव यात्रा निकालने के पीछे का कारण यह है कि कोई इंसान इनकी यह शव यात्रा ना देखे। ऐसी इनकी मान्यता है कि इस शव यात्रा में इनके समुदाय के अलावे दूसरे समुदाय के किन्नर भी मौजूद नहीं होने चाहिए। इतनी ज्यादा गुप्त होती है किन्नरों की शव यात्रा। किन्नर समाज की सबसे बड़ी विशेषता तो यह है कि आम लोगों की तरह किसी के मरने पर यह लोग रोते नहीं है। किन्नर समाज में किसी की मौत होने पर लोग बिल्कुल भी मातम नहीं मनाते, क्योंकि इनका रिवाज है कि मरने से उसे इस नर्क वाले जीवन से छुटकारा मिल गया है।
किन्नरों की शादी देखने के लिए आपको तमिलनाडु के गांव कुवगाम आना होगा, यहाँ पर हर साल तमिल नव वर्ष की पहली पूर्णिमा के दिन हजारों किन्नर विवाह करते है और यह त्यौहार करीब 18 दिनों तक चलता है, इसमें 17 वें दिन किन्नरों की शादी होती है और किन्नरों को पुरोहित मंगलसूत्र पहनाते है।
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