धर्म-अध्यात्म

क्यों पौष मास में सूर्य पूजा का होता है, जानिए इसका विशेष महत्व

Triveni
19 Jan 2021 5:12 AM GMT
क्यों पौष मास में सूर्य पूजा का होता है, जानिए इसका विशेष महत्व
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हिंदू धर्म में सूर्य का विशेष स्थान है. यहां सूर्य की पूजा की जाती है. सूर्य को देवता का दर्जा दिया गया है. पुराणों में सूर्य की खास पूजा की जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू धर्म में सूर्य का विशेष स्थान है. यहां सूर्य की पूजा की जाती है. सूर्य को देवता का दर्जा दिया गया है. पुराणों में सूर्य की खास पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, अभी पौष का महीना चल रहा है. पौष का महीना 28 जनवरी तक रहता है. वैसे तो हिंदू धर्म में हर महीने का अपना एक खास महत्व होता है. लेकिन पौष माह को एक विशेष स्थान प्राप्त है. पौष के महीने में सूर्य की पूजा को खास माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस महीने में कैसे की जाती है सूर्य की उपासना और क्या है इसका महत्व-

सूर्य की उपासना-
पौराणिक ग्रंथों की मानें तो सूर्य को भग नाम से भी जाना जाता है. सूर्य का भग नाम ईश्वर का स्वरूप माना गया है. पौष के महीने में सूर्य की पूजा करने और व्रत रखने का खास महत्व है. माना जाता है कि जो व्यक्ति इस महीने में किसी एक रविवार को व्रत रखता है और तिल और खिचड़ी का भोग लगाता है वह तेजस्वी बनता है.
अर्घ का महत्व-
पौष के महरीने में ठंड काफी होती है जिस कारण लोगों को त्वचा संबंधी रोग होते हैं ऐसे में इस माह में रोजाना सूर्य को अर्घ देने से व्यक्ति का शरीर सूर्य की किरणों के संपर्क में आता है. जिससे त्वचा संबंधी रोग कम होते हैं. साथ ही सूर्य के संपर्क में आने से व्यक्ति की हड्डियों में दर्द नहीं होता.
इस तरह करें सूर्य की पूजा
इसके लिए सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें. इसके पश्चात् उगते हुए सूर्य का दर्शन करते हुए उन्हें ॐ घृणि सूर्याय नम: कहते हुए जल अर्पित करें. सूर्य को दिए जाने वाले जल में लाल रोली, लाल फूल मिलाकर जल दें. सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात्प लाल आसन में बैठकर पूर्व दिशा में मुख करके सूर्य के मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें.


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