धर्म-अध्यात्म

जानिए प्रदोष व्रत में शाम क्यों करते शिव पूजा जानें इससे जुड़ा रहस्य

Teja
14 Dec 2021 7:27 AM GMT
जानिए प्रदोष व्रत में शाम क्यों करते शिव पूजा जानें इससे जुड़ा रहस्य
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 जानिए प्रदोष व्रत में शाम क्यों करते शिव पूजा जानें इससे जुड़ा रहस्य

दिसंबर माह का प्रदोष व्रत 16 दिसंबर दिन गुरुवार को है. गुरुवार दिन के कारण यह गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat) है. पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है.


जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दिसंबर माह का प्रदोष व्रत 16 दिसंबर दिन गुरुवार को है. गुरुवार दिन के कारण यह गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat) है. पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन व्रत करने और भगवान शिव की पूजा (Shiva Puja) करने से आरोग्य मिलता है, शत्रु का नाश होता है, पुत्र प्राप्ति होती है, सुख और धन आदि प्राप्त होता है. शिव कृपा से सभी कार्य पूरे होते हैं. हर दिन के अनुसार, प्रदोष व्रत का अलग-अलग फल और प्रभाव भी होता है. प्रदोष व्रत के दिन सायंकाल में भगवान शिव की पूजा की जाती है. इसका कारण क्या है? आइए जानते हैं इसके बारे में.
प्रदोष व्रत: शाम को शिव पूजा क्यों?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हर मास की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव सायंकाल या प्रदोष काल में कैलाश पर्वत पर अपने रजत भवन में प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं. जब शिव प्रसन्न हैं और उस समय ही उनकी पूजा की जाए, तो उनसे मनचाहा आशीष प्राप्त किया जा सकता है. इस वजह से ही हर त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में ही भगवान शिव की पूजा करना उत्तम माना जाता है.
प्रदोष काल
प्रदोष काल में पूजा मुहूर्त पंचांग के अनुसार, हर त्रयोदशी को अलग-अलग होता है. वैसे मोटे तौर पर सूर्यास्त के बाद और रात्रि प्रारंभ से पूर्व के समय को प्रदोष काल माना जाता है. इस काल में ही भगवान शिव नृत्य करते हैं.
प्रदोष व्रत 2021 मुहूर्त
इस बार का प्रदोष व्रत 16 दिसंबर को है. इस दिन प्रदोष पूजा का मुहूर्त शाम 05 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक है. जो लोग 16 दिसंबर को प्रदोष व्रत रखेंगे, उनको इस मुहूर्त में ही भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.


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